हरिद्वार:

मुख्य सचिव, डाॅ0 एस0एस0 सन्धु, की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद हरिद्वार से सम्बन्धित समस्याओं एवं उनके निराकरण के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित हुई। जिसमें में जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने बताया कि प्रतिदिन जन-समस्याओं को सुनने के साथ ही महीने के प्रथम व तृतीय मंगलवार को तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है, जिसमें सम्बन्धित क्षेत्र की जनता की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।

विनय शंकर पाण्डेय ने बैठक में बताया कि हरिद्वार शहर में ट्रैफिक की व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये 28 ट्रैफिक लाइट के टेण्डर की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, जिन्हें जल्दी ही स्थापित कर दिया जायेगा। शहर के सौन्दर्यीकरण का जिक्र करते हुये उन्होंने बताया कि शहर को खूबसूरत बनाने की दृष्टि से शहर के सात प्रमुख डम्पिंग यार्ड चिह्नित किये गये हैं, जिनमें से बहादराबाद स्थित डम्पिंग यार्ड की जगह कैण्टीन, पार्क आदि का संचालन स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जल्द ही किया जायेगा।

जिलाधिकारी ने बैठक में ब्लाकों के पुराने भवनों के जीर्णाेद्धार का उल्लेख करते हुये बताया कि जिस तरह विगत शनिवार को ग्राम्य विकास मंत्री नेे विकास खण्ड रूड़की में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित हिलांस कैण्टीन एवं पुस्तकालय के सुदृढ़ीकरण एवं क्रियान्वयन के कार्य का लोकार्पण किया, उसी तर्ज पर अन्य ब्लाकों में भी इसी तरह की गतिविधियां संचालित की जायेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के पचास प्रतिशत मशरूम का उत्पादन हरिद्वार जनपद में होता है। इसे और बढ़ावा देने के लिये हरिद्वार में ’’खुम्भ हर द्वार’’ महोत्सव का आयोजन विगत दिनों किया गया था।

बैठक में लक्सर व आसपास के निचले इलाकों में जलभराव की समस्या, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पशुपालन विभाग, उद्यान विभाग आदि के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डाॅ0 सौरभ गहरवार, अपर जिलाधिकारी वीर सिंह बुदियाल, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी पी0एस0 तोमर, सहायक अर्थ एवं संख्या अधिकारी लख्मी चन्द, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई मंजू सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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