रुड़की।

नगर निगम बोर्ड बैठक कराए जाने को लेकर पार्षद फिर मुखर हो गए हैं। नगर आयुक्त और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर पार्षदों ने चुनाव आचार संहिता लगने से पहले बैठक कराए जाने की मांग की। रुड़की नगर निगम की बोर्ड बैठक करीब एक साल से नहीं हो पायी है। बोर्ड बैठक को लेकर मेयर गौरव गोयल और पार्षदों के एक खेमे के बीच टकराव रहा है। मेयर पिछली बोर्ड बैठकों के काम नहीं होने का हवाला देते हुए बैठक कराने के औचित्य पर सवाल उठाते रहे। मेयर विरोधी पार्षद खेमे का कहना है कि बैठक नहीं होने से विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं।

इस बीच हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दो माह के अंदर बोर्ड बैठक कराने के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश के अनुपालन में तत्कालीन सहायक नगर आयुक्त ने मेयर को बोर्ड बैठक कराने को पत्र लिखा था। आचार संहिता लगने का हवाला देते हुए बैठक जल्द बुलाने को कहा गया था। मेयर ने इसके बाद नगर आयुक्त को पत्र भेजकर बोर्ड बैठक बुलाने से पहले कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। कुछ दिन पहले ही नगर आयुक्त और एक सहायक नगर आयुक्त का तबादला हो गया।

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह के पास नगर आयुक्त के पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी है। माना जा रहा है कि जल्द ही विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श चुनाव आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में पार्षदों ने जेएम और नगर आयुक्त को ज्ञापन देकर बोर्ड बैठक कराने को कहा। पार्षदों का कहना है कि पिछले साल मार्च में बोर्ड की आखिरी बैठक हुई थी। बोर्ड बैठक नहीं होने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कुछ ही दिनों में आचार संहिता लग जाएगी, तब बैठक संभव नहीं हो पाएगी। बोर्ड बैठक को लेकर हाईकोर्ट के भी आदेश आए हैं।

पत्र में पार्षद मोहसिन, गीता देवी, हेमा बिष्ट, अंजू देवी, धीराज सैनी, स्वाति, राखी शर्मा, दया शर्मा, नीतू शर्मा, मीनाक्षी तोमर, धीरज पाल, आशीष अग्रवाल, नितिन त्यागी के हस्ताक्षर हैं। जेएम अंशुल सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश हैं तो बोर्ड बैठक बुलानी होगी।

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