दिल्ली।
आजादी के 75 साल पूरे होने पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव में पहली बार ड्रोन शो को समारोह का हिस्सा बनाया गया। समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहें। ड्रोन शो 10 मिनट का होगा। इस ड्रोन शो के दौरान बैकग्राउंड म्यूजिक भी सुनाई दिया।
यह भारत को चीन, रूस और यूके के बाद चौथा देश बना दिया, जिसने इतने बड़े पैमाने पर 1,000 ड्रोन के साथ शो किया।
‘बीटिंग द रिट्रीट‘ समारोह के लिए पर्यावरण के अनुकूल आमंत्रण पत्र तैयार किए गए हैं। इनमें अश्वगंधा, एलोवेरा और आंवला जैसे औषधीय पौधों के बीज हैं। लोगों को इसे अपने बगीचे, फूलों के गमलों में इसे डालने और व सदियों पुराने औषधीय लाभों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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पहली बार लेजर शो का आयोजन
10 मिनट के इस ड्रोन लाइट शो के जरिए आकाश में 75 सरकारी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा, इसके अलावा मेक इन इंडिया, आजादी का अमृत महोत्सव जैसे अभियानों को ड्रोन के जरिए आसमान में दर्शाया जाएगा। बीटिंग द रिट्रीट समारोह में पहली बार लेजर शो का आयोजन किया जाएगा।
क्या है बीटिंग रिट्रीट ?
बीटिंग रिट्रीट एक सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है। यह उन दिनों से चली आ रही है, जब सैनिक सूर्यास्त के समय युद्ध समाप्त कर अपनी-अपनी छावनी में चले जाते थे। जैसे ही बिगुल बजाने वाले पीछे हटने की धुन बजाते थे, इसे सुनते ही सैनिक लड़ाई बंद कर देते थे और अपने अस्त्र-शस्त्र को वापस रखकर युद्ध भूमि से पीछे हट जाते थे। इसी वजह से पीछे हटने की आवाज के दौरान खड़े रहने की परंपरा आज भी बरकरार रखी गई है। रंगों और मानकों पर आवरण चढ़ा दिया जाता है और स्थान छोड़ने पर ध्वज को नीचे उतार दिया जाता है। ड्रम की धुनें उन दिनों की याद दिलाते हैं, जब कस्बों और शहरों में संध्या को नियत समय पर सैनिकों को उनकी छावनी में वापस बुला लिया जाता था। इन सैन्य परंपराओं के आधार पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह अतीत की पुरानी यादों को ताजा करने काम करता है।