पंजाब।

पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी को अपार बहुमत मिलने के साथ ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान ने घोषणा की है कि वे राजभवन में शपथ लेने के बजाए शहीद-ए-आजम भगत सिंह के गांव खटकड़कलां में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

भगवंत मान: सरकारी दफ्तरों में मुख्यमंत्री के फोटो के बजाए भगत सिंह के फोटो लगेंगे।

भगवंत मान कहा कि उनके लिए भगत सिंह के सिद्धांत बहुत मायने रखते हैं। जिस उद्देश्य से भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया उस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पंजाब को आगे बढ़ाया जाएगा। सरकारी दफ्तरों में मुख्यमंत्री के फोटो के बजाए भगत सिंह के फोटो लगेंगे। भगवंत मान ने अपने शपथ ग्रहण के स्थान को लेकर राजभवन को भी सूचित कर दिया है। इसमें कोई दो राय नहीं की आम आदमी पार्टी की यह पहल सराहनीय है। आजादी के बाद भगत जैसे क्रांतिकारियों को जो सम्मान मिलना चाहिए था वह नहीं मिला। जबकि आजादी के आंदोलन में क्रांतिकारियों का दबाव अंग्रेज शासकों पर ज्यादा था। अब यदि भगवत मान मुख्यमंत्री पद की शपथ भगत सिंह के गांव में ले रहे हैं तो इस कदम का स्वागत किया जाना चाहिए।

पंजाब की जनता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप पार्टी को जबरदस्त जीत दिलवाई है। 117 में से 92 सीट आप को मिलना यह दर्शाता है कि बाकी सभी राजनीतिक दलों का सूपड़ा साफ हो गया है। कांग्रेस के हाथ में सत्ता थी, लेकिन कांग्रेस को मात्र 18 सीटें मिली है। कांग्रेस ने जिन चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया, वो चन्नी दोनों सीटों से चुनाव हार गए। राहुल गांधी ने जिन नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया, वो सिद्धू भी चुनाव हार गए। इतना ही नहीं अकाली दल शिरोमणि के संस्थापक प्रकाश सिंह बादल और मौजूदा अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल भी चुनाव हार गए। यानी आम आदमी पार्टी की आंधी में बड़े बड़े पेड़ जड़ से उखड़ गए। केजरीवाल और भगवत मान को भी पता है कि पंजाब की जनता ने उन पर बहुत भरोसा किया है। इस भरोसे पर पार्टी को खरा उतरना है।

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