दिल्ली।
दिल्ली सरकार की तरफ से वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ये बजट पेश किया। जिसमें उन्होंने बताया कि, अगले पांच साल में 20 लाख नई नौकरियां निकाली जाएंगी। दिल्ली की अर्थव्यवस्था कोविड-19 के मार से धीरे-धीरे उबर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली का बजट ‘रोजगार बजट’ है। आइए जानते हैं दिल्ली के बजट की 10 बड़ी बातें।
- इस बजट को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, दिल्ली में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर तैयार करेगा ‘रोजगार बजट’, समाज के हर वर्ग का खयाल रखा गया है।
- दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने बजट भाषण में कहा कि, दिल्ली में पिछले सात साल में 1.78 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियां मिलीं, जिनमें से 51,307 लोगों को स्थायी नौकरियां मिलीं।
- सिसोदिया ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का लगातार आठवां बजट है और यह ‘‘रोजगार बजट’’ है। उन्होंने कहा, मैं रोजगार सृजन और लोगों को कोविड-19 के प्रभाव से राहत देने का एजेंडा लेकर आया हूं।
- सिसोदिया ने विधानसभा में कहा कि कोविड-19 महामारी के शुरू होने के बाद से दिल्ली में निजी क्षेत्र ने 10 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं। शिक्षा के लिए 16,278 करोड़ रुपये, अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर, गलियों और जलापूर्ति के लिए 1,300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 9,669 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। मोहल्ला क्लीनिक और पॉलीक्लिनिक के लिए 475 करोड़ रुपये, दिल्ली सरकार के अस्पतालों के उन्नयन के लिए 1,900 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
- दिल्ली सरकार अपने विभागों और एजेंसियों के लिए बजट आवंटन का रोजगार संबंधी लेखा परीक्षण करेगी। ‘स्मार्ट शहरी खेती’ पहल के तहत महिलाओं के लिए 25,000 नौकरियां निकालेगी। स्मार्ट शहरी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, इसे पूसा संस्थान के सहयोग से जन आंदोलन में बदला जाएगा। इससे 25,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।
- हमें अगले पांच साल में खुदरा क्षेत्र में तीन लाख नौकरियां और अगले एक साल में 1.20 लाख से अधिक रोजगार के नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है। डेढ़ लाख नौकरियां पैदा करने के लिए दिल्ली में पांच प्रसिद्ध बाजारों को विकसित किया जाएगा। इसके लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- ‘रोजगार बाजार’ के लिए 20 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए, इससे दिल्ली में 10 लाख विक्रेताओं को लाभ होने की उम्मीद है। नई स्टार्ट अप नीति शुरू की जाएगी।
- खरीदारी उत्सवों से चार लाख बढ़ेगी पर्यटकों की संख्या, इन क्षेत्रों में कार्यरत 12 लाख लोगों के जीवन पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। ‘दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल’ और ‘दिल्ली होलसेल शॉपिंग फेस्टिवल’ के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
- दिल्ली बाजार पोर्टल दुकानदारों को उपभोक्ताओं से जोड़ेगा। गांधी नगर में एशिया के सबसे बड़े कपड़ा बाजार को कपड़ा केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। आगामी पांच साल में दिल्ली में कामकाजी आबादी 33 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत हो जाएगी।
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