*पर्यावरण अनुकूलित गणेश प्रतिमाएं ही की जाएं स्थापित:-विपिन सोनी*
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31 अगस्त यानि भादपद्र चतुर्थी से गणेशोत्सव का पर्व शुरु होने जा रहा है। जिसे हिन्दू धर्म से जुड़े लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

अधिवक्ता विपिन सोनी नरेंदर मोदी विचार मंच ने गणेश चतुर्थी की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस पर्व पर भारी संख्या में श्रद्धालु अपनी श्रद्धानुसार भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा अपने-अपने घरों और बड़े बड़े पंडालों में स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना करते हैं। परंतु क्या कभी आपने या किसी ने सोचा है कि इन प्रतिमाओं को तैयार करने में जिस प्रकार की सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है वह पर्यावरण की दृष्टि के कितना अनुकूल है। वास्तविकता यह है कि अधिकांश इन प्रतिमाओं को तैयार करने में खतरनाक केमिकल एवं रंगों का इस्तेमाल किया जाता है जो पानी में घुलकर पानी को दूषित कर देते हैं, जो जलीय प्रदूषण को बढ़ा देते है। पूजा अर्चना के बाद इन प्रतिमाओं को नदियों,तालाबों और गंगा जी में विसर्जित कर दिया जाता है। जिससे जल में रहने वाले जलीय जीवो के जीवन को संकट पैदा हो जाता है। इसलिए सभी भक्त श्रद्धालु इस पर्व को मनाने से पूर्व यह अवश्य सुनिश्चित कर लें कि आप के द्वारा जो प्रतिमा स्थापित की जा रही है वह पर्यावरण की दृष्टि के अनुकूल है अथवा नहीं। पर्यावरण की दृष्टि से इस ओर गंभीरता से विचार किया जाना अति आवश्यक है। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप जहा एक ओर भगवान श्री गणेश की कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त करते हैं,वही दूसरी ओर आप पर्यावरण को सुरक्षित रखने तथा अनेकों जलीय जीवों का जीवन बचाने में भी अपना विशेष योगदान देते हैं। इसलिए आप सभी भक्त श्रद्धालुओ से यह अपील की जाती है कि इस संबंध में सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इस पर्व को मनाने के लिए ऐसी प्रतिमाओं को स्थापित किया जाए जो पर्यावरण की दृष्टि के अनुकूल हो और जलीय जीवों के जीवन को संकटग्रस्त ना करती हो।

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