हरिद्वार 

राजकुमार

हरिद्वार: यू तो मातृ सदन के स्वामी शिवानंद सरस्वती ने उत्तराखंड को घोटालों का प्रदेश बताया है उत्तराखण्ड में भर्ती घोटाला कोरोना जांच घोटाला कुंभ घोटाला लाइब्रेरी घोटाला आदि कई तरह के घोटाले से लिप्त बताया चर्चित यूके एसएससी भर्ती घोटाला वन दरोगा भर्ती घोटाले पर लगातार गिरफ्तारी पर गिरफ्तारी चल रही है और लगातार अलग-अलग संगठनों राजनीतिक पार्टियों द्वारा भर्तियों में हो रही धांधले बाजी मैं सीबीआई जांच की मांग भी उठाई जा रही हैं बात करें शिक्षा विभाग की तो हाल ही में महदूद में एक कॉलेज में शिक्षा अधिकारी द्वारा छापेमारी के दौरान 12वीं क्लास में लगभग 260 छात्र-छात्राएं पंजीकृत पाये गये लेकिन कॉलेज में सिर्फ 17 छात्र ही क्लास में मिले जिस पर विभाग द्वारा कॉलेज पर कार्यवाही करने की भी बात कही सूत्र कहते हैं कि हरिद्वार जिले में सैकड़ों प्राइवेट स्कूल कॉलेज फर्जी चल रहे हैं जिन पर शिक्षा विभाग की नियमावली के अनुसार ना ही अधिकारिक रजिस्ट्रेशन नं है, ना ही एन0ओ0सी0 है नाही स्कूल चलाने की परमिशन है ना ही क्षेत्रफल है जिसमें स्कूल संचालित कर सके
फिर भी शिक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन करते हुए यह स्कूल कॉलेज धड़ल्ले से चल रहे हैं आखिर ऐसे स्कूल कॉलेजो पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जाती क्या विभाग द्वारा ही ऐसे फर्जी तरह से संचालित स्कूल कॉलेजों को संरक्षण दिया जाता है
यह जानने के लिए प्रार्थी द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत शिक्षा विभाग से 5 बिंदुओं पर 18 जून 2022 को सूचना मांगी गई प्रथम दृष्टया शिक्षा विभाग रोशनाबाद ने प्रार्थी को 2 महीना 10 दिन में मात्र एक बिंदु पर ही सूचना दी जबकि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्रार्थी को 30 दिन में सूचना दी जानी चाहिए थी मात्र एक बिंदु पर सूचना देने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा पल्ला झाड़ते हुए मांगी गई पांच बिंदुओं की सूचना उप शिक्षा विभाग को ट्रांसफर कर दी गई प्रार्थी द्वारा जब उप शिक्षा विभाग में चाही गई सूचना की जानकारी ली गई तो विभाग यह कहते हुए बचने की कोशिश करने लगा की प्राइवेट स्कूल कॉलेजों की सूचना देय नहीं है हालांकि सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा -6(1) मैं इस बात का उल्लेख नहीं है कि प्राइवेट स्कूलों व कॉलेजों का आधिकारिक रजिस्ट्रेशन नंबर एनओसी स्कूल खोलने के लिए कितने क्षेत्रफल की आवश्यकता होती है की जानकारी शिक्षा विभाग नहीं दे सकता लेकिन फिर भी शिक्षा विभाग स्कूल कॉलेजों की जानकारी देने में बचता नजर आ रहा है तो फिर यह जिले में इतने स्कूल कॉलेज किसके संरक्षण में चल रहे हैं इसलिए विभाग कहीं ना कहीं जांच की श्रेणी में आता है जिस पर माननीय मुख्यमंत्री को विभाग को संज्ञान में लेकर जांच के आदेश करने चाहिए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *