नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी नैनी पीक में सीजन की पहली बर्फबारी हुई। बृहस्पतिवार की सुबह हुए हिमपात के बाद नैनीताल और इसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यटक गतिविधियों में इजाफा होने के आसार हैं। बर्फबारी के बाद पर्यटन कारोबारी खुश हैं।
उत्तराखंड में चारों धामों समेत ऊंची चोटियों पर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। दो महीने के इंतजार के बाद हुई बर्फबारी से पर्यटकों और किसानों के चेहरे खिल गए हैं। उधर मैदानों में बारिश और ओले गिरने से फसलों को नुकसान हुआ।
बर्फबारी और बारिश से ठंड में इजाफा हुआ है। जनजीवन प्रभावित हुआ है।
नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी नैनी पीक में सीजन की पहली बर्फबारी हुई। बृहस्पतिवार की सुबह हुए हिमपात के बाद नैनीताल और इसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यटक गतिविधियों में इजाफा होने के आसार हैं।
बर्फबारी के बाद पर्यटन कारोबारी खुश हैं। उन्हें उम्मीद है कि आगामी दिनों में और अधिक बर्फबारी होगी और मैदानी क्षेत्रों से सैलानी नैनीताल पहुंचेंगे।
बता दें कि, इस बार जनवरी में बर्फबारी नहीं हुई थी। पर्यटन कारोबारियों को लंबे समय से हिमपात की उम्मीद थी जो बृहस्पतिवार की सुबह पूरी हुई। इस दौरान नैनीताल आने वाले सैलानियों की संख्या में भी लगातार गिरावट आ रही थी। लेकिन अब बर्फबारी के बाद नैनीताल में पर्यटक सीजन बढ़ने की उम्मीद है।
होटल कारोबारी राजकुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले कई दिनों से दिल्ली, नोएडा, मुरादाबाद आदि क्षेत्रों के सैलानी नैनीताल में बर्फबारी की जानकारी ले रहे थे। उन्होंने कहा कि अगले एक दो दिन में पर्यटन कारोबार बढ़ने की उम्मीद है।
नैनीताल और इसके आसपास के क्षेत्रों में बुधवार देर रात से रुक रुक कर हो रही बारिश और बर्फबारी से वन विभाग ने राहत की सांस ली है। बारिश से जहां खेतों में फसलों को फायदा मिलेगा वहीं जंगलों में लगने वाली आग से भी कुछ दिन विभाग को राहत मिलेगी।
बता दें कि, क्षेत्र में लंबे समय से बारिश न होने के कारण जनवरी से ही नैनीताल के आसपास के जंगलों में लगातार आग लगने की घटनाएं हो रही थी। आग लगने के दौरान वन संपदा को खासा नुकसान हो रहा था। वन विभाग को आग पर काबू पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी। वहीं बारिश न होने के चलते काश्तकारों की फसलों पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा था। लेकिन बुधवार देर रात से क्षेत्र में बारिश होने के चलते खेतों को पानी मिला है। तो वहीं यह बारिश जंगलों के लिए वरदान साबित हुई है।