बिहार के मुजफ्फरपुर में नेटवर्किंग की नौकरी के नाम पर 100 से ज्यादा लड़कियों से गंदा काम करने का मामला चौंकाने वाला है। अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग नाम की कंपनी में गांव की गरीब परिवारों की लड़कियों को नौकरी देकर उनके साथ शारीरिक शोषण और दुष्कर्म किया जाता था। यह सिलसिला कई सालों से चल रहा था। नेटवर्किंग कंपनी में नौकरी और ट्रेनिंग के नाम पर लड़के और लड़कियों को बंधक बनाकर रखा जाता था। लड़कियों से संचालक और अन्य लोग रेप करते थे। अगर कोई गर्भवती होती तो उसका अबॉर्शन करवा दिया जाता। एक पीड़िता ने बताया कि उसकी जबरन शादी भी करवा दी गई। सारण जिले की रहने वाली एक पीड़िता ने अपने साथ हुए अत्याचार की लिखित में शिकायत पुलिस को दी। उसने बताया कि 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ यहां ज्यादती हुई है। इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी, धमकी, शारीरिक शोषण के आरोपों में कंपनी के संचालक एवं अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और एसआईटी गठित की। फिलहाल इस मामले में एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। नेटवर्किंग कंपनी का संचालक मनीष सिन्हा फरार है। सारण और गोपागलंज की रहने वालीं दो अन्य लड़कियों ने भी मौखिक रूप से पुलिस को अपनी पीड़ा बताई। पुलिस ने सोमवार को अहियापुर के बखरी स्थित कंपनी के कार्यालय में छापेमारी की और आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस ने अभी तक कंपनी का दफ्तर सील नहीं किया है, जिस पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस को अहियापुर वाले दफ्तर से कुछ नहीं मिला, माना जा रहा है कि आरोपियों ने पहले ही सारे सबूत वहां से हटा लिए। यहां तक कि कार्यालय के बाहर कंपनी का नाम भी बदलकर दूसरा बोर्ड टांग दिया गया। डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग कंपनी ने गांव-कस्बों में रहने वाले गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के नौजवान लड़के-लड़कियों को टारगेट किया। नौकरी देने की बात कह कर उनका पहले इंटरव्यू लिया। फिर ट्रेनिंग देने के नाम पर उनसे 25-25 हजार रुपये की रकम वसूली गई। ट्रेनिंग में जाने पर एक व्यक्ति को कम से कम दो और लोगों को जोड़ने का टास्क दिया गया। फिर उनकी पोस्टिंग ऐसी जगह पर कर दी गई, जहां न तो उन्हें कोई जानता हो और ना ही उनकी कोई मदद कर सके। कंपनी से जुड़ी युवतियों को मुजफ्फरपुर के अलावा सुपौल, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सारण, सीवान, गोपालगंज समेत अन्य जिलों में पोस्टिंग दी गई। उन्हें ट्रेनिंग के नाम पर बंधक बनाकर रखा गया। फिर टारगेट पूरा करने का दबाव बनाकर उनसे मारपीट की जाती। उनके शरीर को सिगरेट से दागा जाता। लड़कियों के साथ रेप किया जाता। सोशल मीडिया पर एक लड़की की बेल्ट से पिटाई का वीडियो भी वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस कंपनी का जाल बिहार के 10 जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश और नेपाल तक फैला हुआ है। कंपनी का संचालक मनीष सिन्हा है, जो मूलरूप से गोपालगंज जिले का रहने वाला है जो नोएडा रहता है। वह अभी फरार चल रहा है। उसने यूपी, बिहार और नेपाल में कंपनी की शाखाएं खोल रखी हैं। पीड़िता ने एफआईआर में बताया कि कंपनी के आरोपी संचालक ने उसके साथ कई बार रेप किया। इस दौरान वह तीन बार गर्भवती भी हो गई और आरोपी ने गोली खिलाकर उसका अबॉर्शन करवा दिया। यहां तक कि उसके भाई एवं परिवार के अन्य सदस्यों का अपहरण कर उनकी हत्या करने की धमकी भी दी गई। नेटवर्किंग के जाल में फंसे युवक-युवतियों ने कई बार पुलिस से मदद की गुहार लगाई, लेकिन इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। पिछले साल कंपनी की कैद से भागे चार युवकों ने मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार जेल भी भेजा लेकिन डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग कंपनी में उत्पीड़न का धंधा चलता रहा। सारण की जिस पीड़िता की शिकायत के बाद यह कांड सामने आया है, उसने भी पिछले साल अहियापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। मगर पुलिसकर्मियों ने उस पर कोई एक्शन नहीं लिया था। जब उसकी जान पर आई तो उसने वकील के माध्यम से इस बार कोर्ट में परिवाद दायर किया। इस आधार पर 9 जून को अहियापुर थानेदार रोहन कुमार ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। इस कांड में एसआईटी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से तिलक कुमार नाम के आऱोपी को गिरफ्तार किया है। तिलक पर पीड़िता के साथ यौन शौषण करने और मारपीट का आरोप है। पुलिस फिलहाल आरोपी को कस्टडी में लेकर गहनता से पूछताछ कर रही है। इसी लड़के का वीडियो फोटो वायरल हुआ था, जिसमें वह पीड़िता को डरा धमका और मारपीट कर रहा था। एफआईआर में कंपनी संचालक मनीष सिन्हा, पूर्वी चंपारण के बेला निवासी एनामुल अंसारी, पूर्णिया के बाड़ा रहुआ निवासी अहमद रजा, हाजीपुर के रामचंद्र नगर निवासी विजय कुशवाहा, सीवान के सियाडी निवासी कन्हैया कुशवाहा, मैदनिया निवासी हृदयानंद सिंह, गोपालगंज के लौध निवासी हरेराम कुमार और सुपौल के मोहम्मद इरफान नामजद भी आरोपी हैं। इनकी तलाश जारी है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *