नैनीताल।
बीते कुछ समय से लोगो मे जैसे कोरोना महामारी का भय समाप्त हो चला है, जबकि विशेषज्ञों ने अभी तक कोविड की तीसरी लहर की आशंका को खारिज नही किया है, जनता की लापरवाही तो प्रत्यक्ष है ही, परन्तु प्रश्नचिन्ह सरकार की कार्यप्रणाली पर भी लगता दिखाई दे रहा है।

जँहा वैक्सिनेशन अभी पूर्णता के स्तर को छूने से कोसो दूर है, और सरकारी विज्ञापनों में आम व्यस्क जनता को मास्क एवं अन्य सावधानियों से लापरवाह न होने की हिदायत दी जा रही है, वंही सरकार स्कूलों को खोलकर दोहरे मानदंड अपनाने का परिचय दे रही है, जबकि विशेषज्ञों द्वारा बच्चो को तीसरी लहर में संक्रमण का अत्यधिक असर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
यँहा जानने योग्य प्रश्न उठना लाजमी है कि बच्चो की रक्षा के लिए वैक्सिन का कोसो दूर तक भी आता पता नही है तो हमारा शिक्षा विभाग किस चिकित्सा दृष्टी के बलबूते अवयस्क और वैक्सीनेशन से अछूते बच्चो को स्कूल कॉलेज में जाने को आदेश पारित किए जा रहा है, इसी दौरान स्कूल कॉलेज से चिंता सूचक खबरों का आना शुरू हो गया है।
नैनीताल जिले के राजकीय इंटर कॉलेज गरमपानी की चार स्टूडेंट्स में कोविड पॉजिटिव के लक्षण मिले हैं। वहीं बीते दिनों गोपेश्वर में भी एक छात्र कोरोना पॉजिटिव मिला है। साथ ही आईआईटी रुड़की में भी युगांडा से लौटे एक छात्र में लक्षण मिले हैं।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले गरमपानी मुख्य बाजार में पांच कोरोना संक्रमित पाए गए थे, जिसके बाद अब कोरोना से जीआईसी रातीघाट के चार स्टूडेंट्स भी संक्रमित हो गए है। अब छात्रों के कोविड पॉजिटिव मिलने के बाद उनके परिजनों के सैंपल लिए जा रहे हैं इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष टीमें बना दी गई हैं जो इसका परीक्षण कर रही हैं।आपको बता दें कि बीते दिनों स्कूल तो खुल चुके हैं लेकिन स्कूलों व आम जनमानस द्वारा कोरोना नियमों का धड़ल्ले से उल्लंघन हो रहा है।
बाजारों में हो शॉपिंग मॉल में ऑफिसों में या स्कूलों में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ही नहीं किया जा रहा है ऐसे में लापरवाही अब भारी पड़ती नजर आ रही है वहीं त्यौहार भी नजदीक हैं प्रशासन ने स्कूलों में गाइडलाइन के पालन का दावा किया है, लेकिन सच्चाई ये है कि नियमो का पालन न के बराबर ही हो पा रहा है ऐसे में एक बार फिर से कोरोना का संक्रमण बढ़ने का खतरा पूर्ण रूप से मंडराने लगा है।
इस बढ़ते खतरे को सरकार और आम जनता के विवेक से ही समाप्त किया जा सकता है, समय रहते नही चेते तो हरबार की तरह “साँप निकल जाने पर लाठी पीटने” की कहावत ही सरकारी तंत्र और जनता पर चरितार्थ होती दिखाई देगी।
