जयपुर।

5 मार्च। आईएएस लिटरेरी सोसायटी राजस्थान द्वारा  ‘डीमिस्टफाइंग चाइनाः हाउ इट व्यूज द वर्ल्ड’ विषय पर वर्चुअल इंटरेक्शन सेशन आयोजित किया गया। चर्चा में विषय विशेषज्ञ आईआईएम इंदौर में एसोसियेट प्रोफेसर डॉ. जी. वेंकट रमन थे। सैशन का संचालन आईएएस श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने किया। कार्यक्रम में स्कॉलर्स के अलावा सिविल सोसाइटी मेम्बर्स ने भी हिस्सा लिया।

डॉ. रमन ने बताया कि उन्होंने चीन के इतिहास, जियो पॉलिटिक्स, ग्लोबल गवर्नेन्स, संस्कृति और व्यापार के मुद्दों पर अध्ययन किया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस समय चीन की स्थिति को किसी भी प्रकार से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और यह पूरी तरह खोज का विषय है कि चाइना ने वैश्विक स्तर पर यह मुकाम कैसे हासिल किया है। उन्होंने चीन के सामाजिक, आर्थिक ढांचे और बदलते वैश्विक परिदृश्य में चाइना की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।


उन्होंने बताया कि चीन के लोग अपने इतिहास को लेकर सतर्क हैं और उस पर भरोसा करते हैं। उन्होंने बताया कि किस प्रकार 2008 के बाद चाइना ने अपनी विकास की स्ट्रेटेजी को बदला और पश्चिमी देशों पर निर्भरता कम करने के प्रयास किये। दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाले इस देश की वन चाइल्ड पॉलिसी के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों के बारे में भी डॉ. रमन ने चर्चा की।

डॉ. रमन ने चीन और भारत की सामाजिक समानताओं और असमानताओं के बारे में भी गहनता से अपने विचार रखे। उन्होंने चीन में टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन के वर्तमान परिदृश्य के साथ-साथ, वहां की धार्मिक, आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता की स्थिति के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि चीन में सामाजिक मूल्य डॉमिनेट करते हैं और अनुशासन वहां के समाज की खासियत है। उन्होंने चीन में महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता के बारे में भी जानकारी दी।

मुग्धा सिन्हा ने चर्चा के दौरान चीन के संबंध में विभिन्न पक्षों और संदर्भों पर डॉ.रमन के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस चर्चा से हमारे मन में चीन से संबंधित व्याप्त कई भ्रान्तियां दूर हुई हैं, और एक नए परिप्रेक्ष्य में उस देश को जानने का मौका मिला है।

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