संवाददाता-धर्मराज
कुम्भ में जारी एसओपी को लेकर संतो ने उठाए शासन व प्रशासन पर सवाल
महाकुंभ 2021 में जारी की गई एसओपी की नियमावली को लेकर संतों में काफी नाराजगी दिखाई दे रही है इसी नाराजगी को लेकर सभी अखाड़ों के संतो को महामंडलेश्वर ने मिलकर कनखल स्थित राजपूत धर्मशाला में एक पत्रकार वार्ता कर अपनी नाराजगी जाहिर की अटल पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर राजगुरु स्वामी विश्वात्मा नंद सरस्वती महाराज ने कहा कि महाकुंभ आदि अनादि काल से यह परंपरा चली आ रही है लेकिन आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ जैसा इस बार महाकुंभ में हो रहा है उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगने वाले कुंभ व मथुरा वृंदावन में होने वाले बड़े आयोजनों पर करो ना के चलते आज तक कोई पाबंदी नहीं लगी लेकिन हरिद्वार में महाकुंभ को लेकर जो पाबंदियां लगाई गई हैं कि किसी भी प्रकार का कोई भंडारा सत्संग या सामूहिक कार्य करने पर रोक लगा दी गई है यह सरासर गलत है उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को शुरू किया गया लेकिन आने वाले श्रद्धालु घंटों रजिस्ट्रेशन के लिए प्रयास करने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं करा पा रहे हैं इसका सीधा सीधा मतलब है कि देश की जनता को भ्रमित किया जा रहा है जिससे के श्रद्धालु हरिद्वार में आ ही ना सके हम मांग करते हैं सरकार से की महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन से मुक्त रखा जाए जहां तक सवाल है कोरोना महामारी की जांच का तो आप जांच के साक्ष्य मांग सकते हैं लेकिन किसी के आने पर रोक नहीं लगा सकते
वही सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि महाकुंभ 2021 को 1 महीने में समेट दिया गया जबकि महाकुंभ को लेकर सभी अखाड़े कई महीनों से तैयारियों में लगे हैं उन्होंने सरकार की इस नीति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार ने स्पेशल ट्रेनों पर भी रोक लगा दी है आए दिन मुख्यमंत्री हरिद्वार के भ्रमण पर आते रहते हैं लेकिन आज तक उन्होंने कोई ऐसा संदेश नहीं दिया जिससे लगे कि उत्तराखंड की सरकार महामारी और महाकुंभ को लेकर चिंतित हैं
