गलवान।
भारतीय सेना ने चीन को एकबार फिर मुंह तोड़ जवाब देते हुए गलवान घाटी में देश का तिरंगा फहराया है। भारतीय सेना की यह फोटो उस वक्त सामने आयी जब सोशल मीडिया पर चीनी सेना द्वारा गलवान घाटी में झंडा फहराने की फोटो और वीडियो वायरल हो रहे थे।

चीनी मीडिया का दावा था कि उन्होंने गलवान हिंसा वाली जगह पर अपना झंडा फहराया है।
इसको लेकर केंद्र सरकार ने कहा था, ‘हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से चीन की ओर से अरुणाचल के कुछ हिस्सों के नाम बदलने की खबरें मिली हैं। लेकिन नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलती है। अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा था और आगे भी बना रहेगा।’
चीन के कदम के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था, ‘चीन ने 2017 में भी इस तरह का कदम उठाय़ा था।’ 2020 में गलवान घाटी में ही भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इसके अलावा कई मीडिया रिपोर्ट्स में चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की बात सामने आई थी।
भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट किया कि ‘भारतीय सेना ने नए साल के दौरान पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।’ बता दें कि जब चीन के झंडे को लेकर देश में सवाल उठने लगे थे उसपर भारतीय सेना ने जवाब देते हुए कहा था कि जिस क्षेत्र में चीनी झंडा फहराने की बात हो रही है उस पर हमेशा से ही चीन का कब्जा रहा है।
2020 में गलवान घाटी में ही भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इसके अलावा कई मीडिया रिपोर्ट्स में चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की बात सामने आई थी। लेकिन चीन ने अपने सैनिकों की मौत के आधिकारिक आंकड़ें जारी नहीं किये हैं। अब गलवान घाटी में तिरंगा फहराए जाने को चीन को करारा जवाब माना जा रहा है।
भारतीय सेना की ओर से तिरंगा लहराए जाने की खबर ऐसे मौके पर आई है, जब मीडिया के एक वर्ग में चीन द्वारा गलवान घाटी में झंडा फहराए जाने की खबरें सामने आई थीं। इससे पहले यह भी खबर थी कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों के नए नाम रखे हैं। चीन ने विवादित लैंड बाउंड्री लॉ को लागू किए जाने से पहले यह कदम उठाया था।
