नई दिल्ली।

श्रीनाथ मुन्नार के मूल निवासी हैं। उन्होंने अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए एर्नाकुलम में कुली के तौर पर काम किया। वो अपने परिवार में अकेले कमाने वाले हैं। साल 2018 में उन्होंने कड़ी मेहनत करने का फैसला किया ताकि उनकी कम आय के कारण उनकी बेटी के भविष्य से समझौता न हो। जल्द ही उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के बारे में सोचा, लेकिन आर्थिक तंगी ने उन्हें परेशान किया।
श्रीनाथ जानते थे कि वो कोचिंग सेंटर की फीस नहीं दे पाएंगे, इसके बाद उन्होंने केरल पब्लिक सर्विस कमीशन की तैयारी करने का दूसरा तरीका निकाला। जनवरी 2016 में मुंबई रेलवे स्टेशन पर फ्री वाई-फाई की सेवा शुरू हुई थी, उन्होंने स्मार्ट फोन के जरिए पढ़ाई शुरू की, फ्री वाईफाई की मदद से श्रीनाथ रेलवे स्टेशन पर काम करते हुए ऑनलाइन लेक्चर सुनते थे, केरल पब्लिक सर्विस कमीशन में पास होने के बाद चौथे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की भी परीक्षा पास कर ली।
आज आईएएस श्रीनाथ उन लाखों छात्रों के लिए एक जीवित प्रेरणा हैं, जो कुछ असफल प्रयासों के बाद निराश महसूस करते हैं, जो संसाधनों की कमी के कारण अपनी क्षमताओं पर विश्वास नहीं करते हैं और जो पारिवारिक जिम्मेदारियों और अपने स्वयं के सपनों के बीच फंसे हुए हैं।
