रायबरेली।

मुकदमा अपराध संख्या 317/2021 में मारपीट की रिपोर्ट दर्ज किए हुए सरेनी थाने की पुलिस को लगभग 9 महीने से ऊपर का समय बीत गया है लेकिन आज तक इस मामले की चार्जशीट माननीय न्यायालय में नहीं दाखिल कर पाई है। बताया जाता है कि इस मामले में चार्ज शीट विवेचक द्वारा तैयार की जा चुकी है लेकिन अभी तक उसे न्यायालय में नहीं प्रस्तुत किया गया है। शायद इसका कारण यह होगा कि इस मामले में थाने का ही होमगार्ड और उसका परिवार आरोपी है। जबकि इस मामले में एक महिला के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया था जब वह अपने दो मासूम बच्चों के साथ में अपने घर पर थी। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि थाने के ही होमगार्ड पर प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए महिला को कितने पापड़ बेलने पड़े होंगे।

संपत्ति पर कब्जेदारी को लेकर हुई इस मारपीट में महिला ने किसी तरह रिपोर्ट दर्ज कराई थी लेकिन आज भी उसे चार्जशीट का मा0 न्यायालय में दाखिल होने का इंतजार है। जिससे थाने की कार्यवाही से लाचार महिला को माननीय न्यायालय से न्याय मिल सके। क्षेत्र में महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न और मारपीट की घटनाएं होना आम बात है। क्योंकि वहां की पुलिस महिलाओं के साथ हुई मारपीट में चार्जशीट माननीय न्यायालय में दाखिल करने में हीला हवाली करती हैं।

मामला सरेनी थाना क्षेत्र के कतिकहा गांव का है। जहां की रहने वाली शिव कुमार की पत्नी बबीता को पड़ोस के ही होमगार्ड विभाग में तैनात शिव शंकर ने लाठी-डंडों जूतों लातों से पीटकर कर जिला अस्पताल में 10 दिन के लिए भर्ती करवा दिया। इस मारपीट में महिला को गम्भीर चोटें आई थी। चिकित्सको के अनुसार उसका हाथ भी टूट गया था। 1 मई 2021 को हुई इस घटना की रिपोर्ट पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट 5 मई को दर्ज की। इस दौरान पीड़िता ने बताया कि पुलिस लगातार रिपोर्ट दर्ज करने के नाम पर सुलह समझौता करवाने में जुटी थी। क्योंकि जिसने उसके साथ मारपीट की थी वह सरेनी थाने में तैनात होमगार्ड शिव शंकर, उसका दामाद चन्दन, बेटी ललिता, बीबी शकुंतला थी। शायद यही कारण है कि लगभग 9 महीने बाद भी इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट नहीं दाखिल की।

अधिवक्ता अमरेश कुमार तिवारी और सौरभ सिंह यादव ने बताया कि पुलिस को कम से कम 90 दिनों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर देनी चाहिए। जिससे कि न्यायिक प्रक्रिया आगे चल सके और यदि थाने की पुलिस ऐसा नहीं कर रही है तो कहीं ना कहीं पुलिस अपने पद का दुरुपयोग कर रही हैं।

आपको बता दे कि पुलिस की ही हीला हवाली के कारण होम गार्ड के परिवार वालों ने एक बार फिर पीड़ित महिला को नवम्बर माह में बीच गांव में पीटा। जिसकी भी रिपोर्ट मजबूरी में पुलिस को दर्ज करनी पड़ी क्योंकि महिला की हालत इतनी गंभीर थी कि उसे रायबरेली जिला अस्पताल से लखनऊ इलाज हेतु जाना पड़ा। सरेनी क्षेत्र में अवैध खनन व लकड़ी कटान और कच्ची शराब का कारोबार किसी से छुपा नहीं है। ऐसे में अपराधियों का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है जबकि चुनाव सर पर है।

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