नैनीताल

नैनीताल ज़िले के हल्द्वानी में राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों का एक वीडियो 5 मार्च को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें एमबीबीएस के छात्र सिर मुंडाए हुए, हाथ पीछे की तरफ बांधकर और सिर झुकाए हुए एक कतार में चलते नज़र आते हैं।

हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने दो सप्ताह में कुमाऊं कमिश्नर और डीआइजी को इस मामले में कमेटी गठित करने का आदेश देते हुए दो सप्ताह में जांच कर इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने व उनको कॉलेज से बाहर करने के मामले में जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 23 मार्च तिथि नियत की है।

6 मार्च को इस वीडियो का हवाला देते हुए एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत भी दर्ज कराई। लेकिन 7 मार्च को एंटी रैगिंग कमेटी और मेडिकल कॉलेज की अनुशासन समिति की बैठक में छात्रों ने रैगिंग से इनकार कर दिया और सिर मुंडाने के लिए डैंड्रफ जैसी वजहें बताईं।

राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी के प्राचार्य डॉक्टर अरुण जोशी कहते हैं, “सोमवार को एंटी रैगिंग कमेटी के सामने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं को बुलाया गया। छात्र दबाव न महसूस करें, इसके लिए हमने सवालों की एक सूची तैयार की थी। जिसमें उनसे पूछा गया था कि आपसे ये किसने कराया है, क्या सीनियर छात्रों ने आपसे जबरन बाल कटवाए, उनके नाम क्या थे। लेकिन किसी भी छात्र ने कोई नाम नहीं लिया। सभी ने स्वेच्छा से बाल कटाने की बात कही।”

छात्र-छात्राओं के कतारबद्ध होकर चलने पर कॉलेज प्रशासन ने कमेटी के सामने कहा कि नये एडमिशन होने के चलते छात्र-छात्रा परिसर में खो न जाएं, कुछ समय के लिए ये नियम बनाया गया था।

नैनीताल के ज़िलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल कहते हैं, “एंटी रैगिंग कमेटी के सामने किसी भी छात्र ने अपने साथ रैगिंग की बात स्वीकार नहीं की। छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी मौजूद थे। बाल क्यों कटवाए, इस पर किसी छात्र ने डैंड्रफ की समस्या बताई तो किसी ने अनुशासन के लिए ऐसा करने को कहा। वीडियो के आधार पर हम इसे रैगिंग नहीं कह सकते जब तक कि कोई छात्र हमसे शिकायत नहीं करता। हॉस्टल के सीसीटीवी फुटेज की भी पड़ताल की गई। उसमें भी ऐसा कुछ नहीं दिखा। सीनियर छात्रों को चेतावनी दी गई है कि भविष्य में कुछ ऐसा हुआ और वे पकड़े गए तो कड़ी कार्रवाई होगी।”

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