विश्व काव्य दिवस या अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस हर साल 21 मार्च को मनाया जाता है इसका उद्देश्य देश और दुनिया भर के महान कवियों और उनके द्वारा लिखी गई कविताओं का उल्लेख करते हुए उन्हें सम्मानित करना है। जिसे यूनेस्को द्वारा वर्ष 1999 में शुरू किया गया था और UNISCO द्वारा आयोजित भी किया जाता है। विश्व कविता दिवस, यह एक ऐसा अवसर है जहां पर कविता से जुड़े लेखकों को उनके काम के लिए सराहा जाता है तथा नए कवियों को जो इस क्षेत्र से जुड़ना चाहते हैं उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है. इसे 1999 में यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) द्वारा पहल के बाद हर साल 21 मार्च को मनाया जाता है।

भारत के महान कवियों द्वारा लिखी गई कविताएं आज भी मन को छू जाती हैं चाहे वह ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला‘ हो या हरिवंश राय बच्चन की या किसी कवित्री द्वारा लिखी गई कोई अन्य दिल छू जाने वाली कविता।

निराला द्वारा रचित परिमल की प्रस्तुत हैं चुनिंदा पंक्तियां...

मित्र के प्रति

कहते हो, ‘‘नीरस यह
बन्द करो गान
कहाँ छन्द, कहाँ भाव
कहाँ यहाँ प्राण ?
था सर प्राचीन सरस
सारस-हँसों से हँस
वारिज-वारिज में बस
रहा विवश प्यार
जल-तरंग ध्वनि, कलकल
बजा तट-मृदंग सदल
पैंगें भर पवन कुशल
गाती मल्लार।’’

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