रूस पर दबाव बनाने की हर कोशिश हो रही है। अब संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में यूक्रेन और सहयोगी देशों ने मानवीय संकट की स्थिति पर रूस के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया। जिसमें तमाम सदस्य देशों ने वोटिंग की, लेकिन भारत एक बार फिर इससे दूर रहा।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की तरफ से एक बार फिर यूक्रेन-रूस के बीच चल रही जंग को तुरंत खत्म करने की बात कही गई। UNGA में रखे गए प्रस्ताव के बाद ज्यादातर देशों ने रूस के खिलाफ वोट किया, साथ ही यूक्रेन पर हमले का विरोध भी किया। हालांकि भारत के अलावा भी कई और देश ऐसे रहे, जिन्होंने इस प्रस्ताव पर वोटिंग से किनारा कर लिया। कुल 38 देश ऐसे थे, जिन्होंने इस प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। वहीं 140 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया, प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने वाले 5 देश थे।
संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने यूक्रेन पर अपना 11वां आपातकालीन विशेष सत्र फिर से शुरू किया और यूक्रेन और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों ने ‘यूक्रेन पर आक्रमण के मानवीय परिणाम’ के मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग की। लेकिन यूएनएससी का ये प्रस्ताव पारित होने में विफल रहा, क्योंकि उसे इसके लिए आवश्यक 9 वोट नहीं मिल सके। बता दें कि यूक्रेन में रूसी आक्रमण पर भारत इससे पहले, सुरक्षा परिषद में दो मौकों पर और महासभा में एक बार प्रस्तावों पर मतदान से गैर हाजिर रहा था।
भारत ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग से किनारा करने को लेकर जवाब भी दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने बताया कि, भारत ने इस प्रस्ताव से इसलिए परहेज किया क्योंकि, हमें दुश्मनी को खत्म करने और मानवीय सहायता पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। ये प्रस्ताव इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमारी सोच से पूरी तरह मेल नहीं खाता है।
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