मंजू नाथ टी सी पुलिस अधीक्षक जीआरपी कुम्भ महोदय की अध्यक्षता में मेला नियंत्रण भवन के सभागार में अर्द्धसैनिक बलों के सभी राजपत्रित/अराजपत्रित अधिकारियों की गोष्ठी आयोजित की गई। आईजी कुम्भ द्वारा एसपी जीआरपी को अर्द्धसैनिक बलों का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। 

गोष्ठी के आरम्भ में आईजी कुम्भ श्री संजय गुंज्याल द्वारा आकर कुम्भ में नियुक्त अर्धसैनिक बलों को रहने-सहने में आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गई तो कुछ कम्पनी कमांडरों के द्वारा कुछ जगहों पर शौचालय की कमी, एक जगह खड़े पंखों के बजाय घूमने वाले टेबल फैन की आवश्यकता और पानी छिड़कने के लिए पाइप जैसी छोटी-मोटी समस्याओं के अलावा अन्य कोई बड़ी समस्या रहने-खाने की व्यवस्था में नही बताई गई। 

आईजी कुम्भ के द्वारा मौके पर ही उपरोक्त समस्याओं के तत्काल निस्तारण हेतु सम्बंधित अधिकारी को आदेश देकर आगे की गोष्ठी SP जीआरपी को संचालित करने का आदेश देकर अन्य कार्य हेतु चले गए।

इसके बाद SP जीआरपी द्वारा आगे की गोष्ठी के दौरान अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों को बताया गया कि आपके जितने भी अधिकारी और जवान नए आये हैं उन सभी का कुम्भ मेले से सम्बंधित व्यवहारिक प्रशिक्षण और एरिया फेमिलिराइजेसन कराया जाएगा ताकि ड्यूटी के दौरान स्थानीय लोगों और आने वाले श्रद्धालुओं के साथ व्यवहार करने में कोई समस्या ने होने पाए।

इसके अलावा SP जीआरपी द्वारा कहा गया कि अर्द्धसैनिक बलों की मेस में अंडा, मांस, मछली बनना बेहद सामान्य सी बात हैं लेकिन कुम्भ मेला पूरी तरह से आध्यात्म, आस्था, श्रद्धा, पवित्रता और सनातनी परम्पराओं से जुड़ा है इसलिए कोशिश की करे कि कुम्भ मेला में नियुक्ति के दौरान इस प्रकार के तामसी आहार का सेवन न करें और कम से कम अर्धसैनिक बलों की जो कम्पनी कुम्भ मेला क्षेत्र में निवासरत हैं उनकी मेस में तो इस प्रकार का भोजन कदापि न बने। कुम्भ अवधि के दौरान सात्विक आहार, विचार और व्यवहार को हो प्राथमिकता दें।

इसके अतिरिक्त अगले शाही स्नान पर्व की ड्यूटी में ये प्रयास किया जा रहा है कि अर्द्धसैनिक बल की जो कम्पनी जहाँ कैम्प कर रही है उसकी ड्यूटी उसी क्षेत्र के आसपास लगाई जाए ताकि नो व्हीकल जोन होने पर उन्हें अपने कैम्प से ड्यूटी स्थान तक पहुंचने में कोई दिक्कत न होने पाए।

SP जीआरपी द्वारा निर्देशित किया गया कि अर्द्धसैनिक बलों के जिन अधिकारी/जवानों की ड्यूटी भीड़ प्रबंधन अथवा यातायात प्रबंधन में लगी है वह सीटी अवश्य ले लें। क्योंकि विगत कुम्भ मेलों का अनुभव है कि आगामी शाही स्नान के दौरान 12 अप्रैल से 14 अप्रैल तक जब लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ का सैलाब आता है तो एक समय के बाद बोलने के शक्ति खत्म हो जाती है, गला बैठ जाता है और आप किसी को कुछ बोल कर बताने या दिशा दिखाने की स्तिथि में नही रहते हो। तब यदि आपके पास सीटी रहेगी तो आप उसे बजा कर और हाथ के इशारे से श्रद्धालुओं को सही दिशा निर्देश देने में सक्षम होंगे। इसलिए अर्द्धसैनिक बलों के कुम्भ मेला ड्यूटी में लगे सभी अधिकारी और जवान आगे के शाही स्नानों की ड्यूटी के लिए एक अच्छी क्वालिटी की सिटी अवश्य अपने पास रखें।

 

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