हरिद्वार।

उत्तराखंड अभिभावक संघर्ष समिति द्वारा हरिद्वार के मुख्य शिक्षा अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें निजी स्कूलों की बेतहाशा फीस वृद्धि पर रोक लगाने हेतु 1100 अभिभावकों के हस्ताक्षर कराए गए! विकास भवन से शिक्षा विभाग तक एक जुलूस निकालकर प्रदर्शन भी किया गया।

अभिभावक संघर्ष समिति हरिद्वार का गठन प्रगतिशील महिला एकता केंद्र एवं इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा किया गया है समिति द्वारा जिलाधिकारी हरिद्वार,शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक उत्तराखण्ड, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड, मा0 राज्यपाल महोदय उत्तराखण्ड को भी मेल द्वारा ज्ञापन प्रेषित किया गया! भेल मजदूर ट्रेड यूनियन ,फूड्स श्रमिक यूनियन आईटीसी, देवभूमि श्रमिक संगठन हिंदुस्तान युनिलीवर, कर्मचारी संघ सत्यम ऑटो एवं राजा बिस्किट के मजदूर प्रतिनिधियों ने भी सैकड़ों हस्ताक्षर करा कर शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद की एवं बढ़ती फीस वृद्धि पर रोष जताया।

 

अभिभावक संघर्ष समिति के सदस्य गीता ने कहा कि “निजी स्कूलों के लिए सरकार कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं बना रही है और सरकारी विद्यालयों को सरकार सुविधा विहीन करके आम मेहनतकशों के बच्चों को शिक्षा के दायरे से बाहर कर रहीं हैं।”

समिति के सदस्य एवं प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के सचिव दीपा ने कहा कि निजी स्कूलों की लूट से अधिकांश अभिभावक त्रस्त है! शिकायत करने पर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है! ठीक समय पर जमा ना होने पर छात्रों को परीक्षाओं तक में नहीं बैठने देते हैं और कई जगह पर है अंकपत्र भी रोक दिया जाता है।

समिति के सदस्य प्रीति ने कहा कि नई शिक्षा नीति के नाम पर 7 साल की उम्र होने के बाद ही कक्षा 1 में प्रवेश दिया जा रहा है जिससे अधिकांश अभिभावक परेशान है भेल मजदूर ट्रेड यूनियन के मंत्री अरविंद कुमार ने कहा कि उसी स्कूल में पुनः प्रवेश पर छोटे-बड़े स्कूलों में हजारों रुपया प्रतिवर्ष अभिभावकों से लिया जा रहा हैं बिल्डिंग ,खेल, परिवहन ,कंप्यूटर, स्टेसनरी आदि के नाम पर लूट मची हुई है।

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क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के संयोजक नासिर अहमद ने कहा कि “राज्य सरकार को तत्काल शासनादेश जारी करना चाहिए की निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर रोक लगे और सरकारी विद्यालयों में भी निजी स्कूलों की तरह व्यवस्था बनायी जाए जिससे आम मेहनतकश एवं गरीब तबके के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण कर सकें। अभिभावकों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले स्कूल प्रबंधकों पर तत्काल कार्यवाही हो।

इंकलाबी मजदूर केंद्र के प्रभारी पंकज कुमार ने कहा कि “सरकार शिक्षा का बजट लगातार घटा रही है सरकारी स्कूलों के हालात को बद से बदतर कर निजी स्कूलों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है जिससे निजी स्कूलों के मालिक जो अधिकांश राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हुए हैं शिक्षा को उद्योग की तरह चला रहे हैं अभिभावकों पर लगातार आर्थिक बोझ बढ़ाया जा रहा है कम तनख्वाह में काम करने वाले मजदूर छोटे दुकानदार अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने में अक्षम साबित हो रहे हैं।”

ज्ञापन में प्रदर्शन में अभिभावक संघर्ष समिति के रश्मि, निशा ,प्रीति, हेमा, दीपमाला, मालती,सुशीला, निक्की ,प्रियंका यादव,गीता, महिपाल सिंह, चंदेश कुमार, अनुज कुमार, सावित्री, निर्मला, विजया रावत, रश्मि,सविता ,कुलदीप, विशनपुरी, प्रवीण वशिष्ठ, मोहन प्रसाद, बच्चा प्रसाद,बृजमोहन, सुनील सिंह, बृजराज सिंह, सोनू कुमार, प्रदीप रिंकी, रविंद्र कुमार, विजय, अरविंद कुमार , राज किशोर, सियाराम, अवधेश कुमार, रंजना ,पंकज एवं राजू उपस्थित रहे।

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