बिजनौर।
गौरतलब है कि 2016 अप्रैल के माह में NIA के डीएसपी तंजील अहमद अपनी भांजी की शादी में शिरकत कर वापस लौट रहे थे। जैसे ही वह सहसपुर पुलिस चौकी के पास पहुंचे तभी हत्या के इरादे से पहले से ही घात लगाए बैठे मुनीर व उसके साथी रयान ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर तंजील को मौत के घाट उतार दिया था। जबकि उनकी पत्नी फरजाना के भी कई गोली लगना बताया गया था। जिनकी उपचार के दौरान बाद में मौत हो गई थी हालांकि गाड़ी में घटना के दौरान मासूम बच्चे भी शामिल थे जो सकुशल बच गए थे। मासूम बच्चों ने खूनी वारदात अपनी आंखों से देखी थी पुलिस के अनुसार इस मामले में पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। जबकि बिजनौर कोर्ट ने इस मामले में साक्ष्यों के अभाव में तीन अभियुक्तों को निर्दोष मानकर छोड़ दिया जबकि दो मुख्य अभियुक्त मुनीर रयान को फांसी की सजा सुनाई है।
लगभग 2 सप्ताह पूर्व बिजनौर गैंगस्टर कोर्ट ने मुनीर और रेयान को 10 साल की सजा व आर्थिक दंड दिया था लेकिन तंजील हत्याकांड मामले में आज फैसला आते ही कोर्ट ने मुख्य आरोपी मुनीर रयान को मौत का फरमान सुनाया है आज से मुनीर ओर रियान के ऊपर मौत का पहरा रहेगा। अपर जिला सत्र न्यायाधीश डॉ विजय कुमार की कोर्ट ने मुनीर को आज दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है हालांकि इस दौरान जजी पुलिस छावनी में तब्दीली रही और चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा रहा बता दें कि मुनीर यूपी के टॉप 10 बदमाशों में से एक बदमाश है। इसलिए पुलिस को अनहोनी होने का खतरा सता रहा था चारों और पुलिस के पहले से आम जनमानस भी सन्न रह गया कि आखिर आज ऐसा क्या होने वाला है लेकिन मुनीर व रयान को मौत का पैगाम सुनाने वाले न्यायाधीश ने आज अपना फरमान सुना दिया और मुनीर रयान को फांसी की सजा सुना दी गई।
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