सहारनपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में सहारनपुर के पुलिस कप्तान की पारी बेहद सराहनीय और प्रशंसनीय रही है, क्योंकि उन्होंने पुलिस को अपनी ज़िम्मेदारी समझाने में विशेष भूमिका निभाई है।
किसी भी पुलिस कप्तान की पारी एक निश्चित अवधि के लिए ही होती है और उन्हें शासनादेश का भी अनुपालन करने की बाध्यता होती है। उन्होंने यहां अपराधियो पर नकेल कसने के साथ ही भूमाफियाओं सहित खनन के अवैध धंधेबाज़ों पर नकेल कसने का काम किया है। उनके कार्यकाल में जहां किसी भी केस को लंबित रखने की छूट नही थी और उनकी पैनी निगाहे सब कुछ देखने और भांपने की कुव्वत उनमे रही, जिसके चलते झूठे मुकद्दमे दर्ज नही हो पाए और अगर दर्ज भी हुए तो विवेचक ने वास्तविक अपराधियो को जेल भेजा।
मीडिया से मधुर सम्बन्धो के लिए भी याद किये जायेंगे
आकाश तोमर ने जनता का दिल जीतने के साथ ही मीडिया से भी न केवल मधुर संबंध रखे बल्कि मीडिया के नाम पर धंधेबाज़ों को भी कभी न ही अपने पास और पुलिस के पास फटकने नही देने की छूट नही दी। सहारनपुर के मीडिया जगत से भी उन्हें जैसा सहयोग उनकी मीडिया के प्रति भूमिका के कारण मिल है वो पूर्व में कभी देखने को नही मिला। उन्हें मीडिया से मिले सहयोग के लिए भी उन्होंने आभार जताया है।
सूचना के लिए खुली छूट थी खुफिया तंत्र को
एस एस पी आकाश तोमर की ये कार्यशीली ही थी कि खुफिया तंत्र उनसे सीधा जुड़ाव महसूस करता था जिसका कारण ये था कि उन्होंने सभी को कार्य की गुणवत्ता के लिए समय को नही बल्कि काम को महत्व दिया जिसके चलते ही उनके पास सीधी सूचनाएं पहुंचती रही।

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