हरिद्वार

वर्ष 2020 मे पूरे विश्व पर संकटो का पहाड टूट पडा पूरे विश्व के साथ – साथ भारत देश को भी कोरोना माहामारी ने अपनी चपेट मे ले लिया था जिसकी वजह से मानव जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था हालाकि संकट का समय था धीरे धीरे गुजरता

चला गया और फिर से मानव जीवन अपनी गति में आ गया लेकिन संकट की इस घड़ी मे कुछ विभाग ऐसे भी है जिन्हे कोरोना महामारी में अन्धाधुंद कमाई करने का मौका मिला
निसन्कोच निडर विभाग ने मौके का फायदा उठाकर कमाई करने मे बढचढ कर हिस्सा लिया ऐसा ही एक विभाग है पंचायती राज विभाग

पुरे भारत के अंदर उत्तराखण्ड राज्य के हरिद्वार जिले मे ग्राम पंचायत चुनाव मे हुई देरी की वजह से 1 वर्ष तक प्रशासक कार्य काल लगाया गया प्रशासक कार्य काल यानी जब जिले मे ग्राम प्रधानो का कार्य काल समाप्त हो चुका था तब 1वर्ष तक सेकेट्री (सचिव) का कार्य काल लगा

*1वर्ष मे सेक्रेटरी ने क्या किया*

हैरान करने वाली बात, जो काम ग्राम प्रधान अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में नहीं करवा पाए या जितना ग्राम पंचायत में धन नहीं खर्च कर पाए उससे कहीं ज्यादा प्रशासक ने अपने 1 वर्ष के कार्यकाल में कर दिया लेकिन सोचने वाली बात यह है की प्रशासक ने 1 वर्ष के कार्यकाल में जितना कार्य ग्राम पंचायतों में दिखाया है वह धरातल पर हुआ ही नहीं ग्राम पंचायतों में वाटर कूलर लगाए गए जहां धरातल पर वाटर कूलर है ही नहीं, और एक वाटर कूलर की कीमत का 3 गुना पैसा सरकारी अकाउंट से निकाला गया, हाई मस्क लाइट, स्ट्रीट लाइटो के लिए पैसा निकाला गया लेकिन धरातल पर स्ट्रीट लाइट देखने को ही नहीं मिल रही या फिर जो स्ट्रीट लाइट बाजार तीन से चार गुना रेट में खरीदी गई जिस सड़क को या जिस पुलिया को ग्राम प्रधान पहले ही अपने कार्यकाल में बनाकर बिल पास करवा चुका है वही सड़क या पुलिया का बिल दोबारा से प्रशासक कार्यकाल में भी पास करवाया गया है ऐसी तमाम तरह की सच्चाई को जानने के लिए प्रार्थी द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत विभाग में 11 बिंदु पर सूचना मांगी मात्र 11 बिंदुओं की सूचना मांगने पर विभाग में खलबली मची हुई है कि अब शायद आरटीआई के माध्यम से हमारी पोल खुल जाएगी और जो हम नहीं चाहते थे वह सबके सामने आ जाएगा इसलिए प्रार्थी द्वारा लगाई गई आरटीआई का जवाब देने में विभाग आनाकानी कर रहा है प्रार्थी द्वारा सूचना का इंतजार करने के बाद प्रथम अपीलीय अधिकारी को प्रथम अपील लगाई गई जिसके बाद अभी तक सुनवाई की कोई खबर नहीं आई, जिससे सूत्रों द्वारा दिए गए प्रमाण/ सबूत सच होते नजर आ रहे हैं

 

पत्रकार राजकुमार की कलम से

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