. सड़क निर्माण में ठेकेदार ने वन भूमि में खनन कर खुर्दबुर्द की वन भूमि
. वन विभाग सोसियल मीडिया में वीडियो आने के बाद जगा,
. पूर्व में होता रहा खनन, वन विभाग बैठे रहा चुप्पी साधे
. एक इंच वन भूमि के लिए भारत सरकार से लेनी होती है अनुमति, कैसे कटी पहाड़ी
. जिम्मेदारों की मिलीभगत तो नही, अब विभाग या ठेकेदार जिम्मेदार
. प्रभागीय वनाधिकारी के आदेशों पर होगी अगली कार्रवाई।
बागेश्वर:
बागेश्वर-दफौट मोटर मार्ग में गुरना से झलतोला विद्यालय तक सड़क निर्माण में सोलिंग, डामरीकरण के निर्माण में ठेकेदार ने बॉन्ड से आगे जंगल में सोलिंग और दीवारों के लिए वन भूमि में अवैध खनन कर हजारों टन निर्माण सामग्री जेसीबी मशीन से पहाड़ी काटकर निकाल दी,वही मनमाने तरीके से ठेकेदार सड़क में वन भूमि में अवैध कटान कर पत्थर निकालते रहा और जिम्मेदार वन विभाग अपनी भूमि में खनन को रोकने की हिम्मत नही कर पाया।
ऐसे में जब वन भूमि में कटान हो गया सोशल मीडिया में अखबारों में खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग हरकत में आया। वही मामले में कही कोई ग्रामीण रास्ता बनाता है तो उस पर मुकदमा कायम होता है वही खड़िया खनन,और सड़क निर्माण में कोई मनमाने तरीके से खनन और खड़िया खान तक मशीनों को ले जाता है तो मात्र दिखावे की कार्रवाई कर विभाग अपनी जबाददेही से बच जाता है ऐसे में गुरना में वन भूमि में ठेकेदार द्वारा मशीनों से वन भूमि से निर्माण सामग्री निकालने के लिए खनन होने के बाद भी इस तरह मनमानी से वन अधिनियम कर नियमो की सरेआम धज्जियां उड़ रही है।
वही मामले में ठेकेदार द्वारा अपने कार्यक्षेत्र से बाहर निर्माण सामग्री के लिए खुलेआन खनन करने के बाद भी वन विभाग द्वारा अनदेखी करना वन अधिनियम कानून के लिए सवालिया निशान है,अब वन विभाग हरकत में आया है वही जांच कर मामले की जांच की जा रही है, वही धरमघर रेंज के रेंजर प्रदीप कांडपाल मौके पर पहुंचे उन्होंने जांच कर वन भूमि में हुए खनन का मुआयना किया “वही बताया कि ठेकेदार पर लगभग एक लाख की पेनल्टी और वन भूमि को नुकसान पहुँचाने, बिनाभारत सरकार की अनुमति के खनन कार्य करने को लेकर नोटिस जारी किया गया है, वन भूमि की धारा 26 के तहत वन भूमि को खुर्दबुर्द करने,वन संपदा को नुकसान पहुँचाने,अनाधिकृत रूप से खनन,पुर्नउत्पादन को क्षति पहुँचाने,सहित धाराओं में मामला दर्ज कियाजा रहा है,मामले में फॉरेस्टर से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है, जांच रिपोर्ट प्रभागीय वनाधिकारी को सौंपने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बागेश्वर से योगेन्द्र सिंह की रिपोर्ट