प्रधानमंत्री मोदी प्रशासनिक सेवा के क्षमता निर्माण के जरिये देश में शासन प्रक्रिया और नीति कार्यान्वयन में सुधार के समर्थक हैं. इस विजन के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय प्रशासनिक सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी)- ‘मिशन कर्मयोगी’ की शुरुआत की गई. जिससे सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान के साथ भविष्य की जरूरतों के अनुरूप प्रशासनिक सेवा तैयार की जा सके. यह सम्मेलन इसी दिशा में एक और कदम है. क्षमता निर्माण आयोगने इस राष्ट्रीय प्रशिक्षण कॉन्क्लेव को आयोजित किया है. यह सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और देश भर में सिविल सेवकों के लिए प्रशिक्षण के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक कोशिश है.
कॉन्क्लेव में केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों, राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों, क्षेत्रीय और मंडल प्रशिक्षण संस्थानों और अनुसंधान संस्थानों सहित विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों के 1500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए. इनमें निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ-साथ केंद्र सरकार के विभागों, राज्य सरकारों और स्थानीय सरकारों के सिविल सेवक शामिल हैं. इसका उद्देश्य विचारों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना, सामने आ रही चुनौतियों की पहचान करना, अवसरों का पता लगाना और प्रभावी क्षमता निर्माण के लिए कार्रवाई योग्य समाधान और व्यापक रणनीति तैयार करना है. कॉन्क्लेव के दौरान पैनल चर्चाओं में सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों से संबंधित प्रमुख चिंताओं पर फोकस रहेगा. चर्चा के विषयों में फैकल्टी का विकास, प्रशिक्षण के असर का मूल्यांकन, कंटेंट डिजिटलीकरण और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं, जो सिविल सेवा प्रशिक्षण के विकास में योगदान करते हैं.
