मणिपुर:-
मणिपुर में कुकी जोमी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न घुमाने और उनके साथ यौन उत्पीड़न का वीडियो सामने आने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि मामले में संलिप्तता को लेकर कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।महिलाओं को नग्न घुमाने के वायरल वीडियो पर मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा था कि “मुख्य अपराधी सहित दो लोग गिरफ्तार किए गए हैं।” बाद में पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि चार आरोपियों को पकड़ा गया है। इससे पहले दिन में, मामले के मुख्य आरोपी हुइरेम हीरोदास मैतेई को गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि पुलिस ने अन्य को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया हुआ है।
इस घटना से देश भर में आक्रोश फैल गया है और विपक्ष ने भाजपा सरकार से मणिपुर की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की मांग को लेकर दबाव बढ़ा दिया है। इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले को “शर्मनाक” बताया और राज्य सरकारों से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया था।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाएं: मल्लिकार्जुन खरगे
संसद के मॉनसून सत्र का पहला मणिपुर यौन हिंसा की घटना के चलते हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस प्रमुख और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को भाजपा शासित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग की। यह राज्य मई की शुरुआत से जातीय संघर्ष से जूझ रहा है। विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने खरगे के कक्ष में मुलाकात की, जिसके बाद एकजुट विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग की। खरगे ने कहा, “मणिपुर जल रहा है। महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है, उन्हें नंगा घुमाया जा रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं। वह बाहर बयान दे रहे हैं।” खड़गे ने राज्यसभा में कहा, हम मणिपुर पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं और पीएम मोदी को सदन में इस पर विस्तृत बयान देना चाहिए। कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “हम मणिपुर के मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे और राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग करते हैं।” खरगे और विपक्ष के कई अन्य सदस्यों ने संसद के दोनों सदनों में नोटिस देकर अन्य सभी कामकाज निलंबित कर मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग की है।
जानना चाहती हूं कि कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, मणिपुर की राज्यपाल ने पूछा
मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने मणिपुर के हालात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”मुझे यकीन नहीं हो रहा कि मेरे राज्य में इस तरह की घटना हुई है। मैं जानना चाहती हूं कि महिलाओं की शिकायत पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? मैंने आज अपने राज्य के डीजीपी को फोन किया। भविष्य में कभी भी किसी व्यक्ति को महिलाओं के खिलाफ इस प्रकार के अपराध करने का साहस नहीं करना चाहिए
मणिपुर पुलिस महानिदेशक को राजभवन में तलब करने के बाद राज्यपाल अनुसुइया उइके ने मणिपुर के वायरल वीडियो पर बोलते हुए कहा मैंने डीजीपी को इस जघन्य अपराध के अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने और कानून के अनुसार अनुकरणीय सजा देने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है। मैंने डीजीपी से उस थाने के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है, जिन्होंने इस घटना की शिकायत दर्ज करायी थी, क्योंकि उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।’
इस अराजकता को रोकना होगा: मणिपुर हिंसा पर ममता
मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि वह पूर्वोत्तर राज्य में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए गैर-भाजपा दलों द्वारा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत कर रही हैं। पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि देश की “मां और बेटियां” मणिपुर के 4 मई के वीडियो को देखकर रो रही हैं, जिसमें भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाते हुए दिखाया गया है। उन्होंने कहा, “इस अराजकता को रोकना होगा… यह केंद्र की नीतियों के कारण है कि देश जल रहा है।” बनर्जी ने कहा, “सरकार के दबाव के बाद वीडियो को सोशल मीडिया से हटा लिया गया है। लेकिन तथ्य यह है कि पहले से ही बहुत से लोग इस बर्बरता को देख चुके हैं। I.N.D.I.A इस अन्याय के खिलाफ एकजुट है और इसके खिलाफ लड़ेगा।”
हिंसा तुरंत रोकें मणिपुर स्थिति पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी से कहा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज संसद के बाहर प्रधानमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा: प्रधानमंत्री मुद्दा यह नहीं है कि यह देश के लिए शर्म की बात है। मुद्दा मणिपुर की महिलाओं को हुए अथाह दर्द और आघात का है। हिंसा तुरंत बंद करो।” राहुल गांधी ने पिछले महीने स्थिति का जायजा लेने के लिए मणिपुर का दौरा किया था।
मानवाधिकार आयोग का नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भीड़ द्वारा एक परिवार के पांच सदस्यों को पुलिस हिरासत से ले जाने के मामले में मणिपुर सरकार को नोटिस भेजा है। एनएचआरसी इंडिया ने 4 मई 2023 को मणिपुर के कांगपोकपी जिले के बी फीनोम गांव में एक भीड़ द्वारा एक आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों को पुलिस हिरासत से ले जाने की घटना में तत्काल हस्तक्षेप की मांग करने वाली शिकायतों का संज्ञान लिया है।
कारगिल में लड़े थे मणिपुर में घुमाई गई महिला के पति बोले घर में बॉर्डर जैसे हालात
मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न अवस्था में जबरन घुमाया गया। इस घटना के बाद से ही सड़क से संसद तक उबाल है। इसी बीच एक और खुलासा हुआ है कि भीड़ की दरिंदगी का शिकार हुए एक महिला के पति करगिल युद्ध में लड़ चुके हैं और रिटायर्ड सूबेदार हैं।
उन्होंने बताया है कि उनके इलाके में हालात बेहद खतरनाक और डराने वाले हैं। मणिपुर पुलिस अब तक मुख्य आरोपी हुईरम हीरोदास समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है
एक अखबार से बातचीत में 65 वर्षीय रिटायर्ड सैनिक और हैवानियत का शिकार हुईं पत्नी बताती हैं कि उनका सबकुछ तबाह हो चुका है। उन्होंने कहा कि वह सामान से सम्मान तक सब गंवा चुके हैं। पीड़ित पत्नी ने कहा, ‘हम दो महिलाओं को बंदूक की नोक पर हजारों लोगों के सामने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया। अगर हमने कपड़े नहीं उतारे, तो उन्होंने हमें जान से मारने की धमकी दी।’
पीड़िता ने आगे बताया, ‘उन्होंने हमें नाचने पर मजबूर किया, धक्का दिया और परेड कराई। वे सभी जगंली जानवरों की तरह बर्ताव कर रहे थे।’ पूर्व सैनिक का कहना है, ‘वह डिप्रेशन में चली गई थी, लेकिन हमारे बच्चों की चिंता करनी थी, इसलिए वह सामान्य होने की कोशिश कर रही है।’
मेरा घर बॉर्डर से ज्यादा खतरनाक
उन्होंने कहा, ‘मैंने करगिल में लड़कर सामने से जंग देखी है। और जब मैं घ वापस आया, तो मेरी खुद की जगह युद्धक्षेत्र से ज्यादा खतरनाक है।’ उन्होंने बताया, ‘वे 4 मई को हमारे गांव आए और घरों को आग लगाना शुरू कर दिया। सभी गांव वाले जान बचाने के लिए यहां बागे। मेरी पत्नी मुझे अलग हो गई और चार अन्य गांववालों के साथ जंगल में पेड़ के पीछे छिप गई।’
महिलाओं को बचा रहे पुरुषों को जान से मारा
उन्होंने कहा, ‘कुछ हमलावरों ने हमारी बकरियों, सुअरों और मुर्गियों को पकड़ा और गांव में भी गए, जहां मेरी पत्नी और अन्य लोगों को खोजकर बंदी बना लिया।’ पूर्व सैनिक बताते हैं, ‘महिला को बचाने की कोशिश कर रहे पिता और भाई को मौके पर ही मार दिया।’ उन्होंने बताया कि पत्नी के अलावा एक महिला, एक बच्चा और एक ही परिवार के तीन सदस्य और थे, जिसमें पिता, बेटा और बेटी थी। भीड़ पुलिसवालों से छीनकर सभी को ले गई।
सामने पत्नी को ले गए
पूर्व सैनिक ने हैवानों की भीड़ को याद किया और बताया, ‘मैं देख सकता था कि वे पत्नी और अन्य चार लोगों को कुछ दूरी पर ले गए। तीन महिलाओं को कपड़े उतारने पर मजबूर किया गया। हाथों में बच्चे लिए एक महिला को बाद में छोड़ दिया गया और जाने दिया गया। भीड़ ने कम उम्र की महिला का उत्पीड़न करने की कोशिश की और जब उसके भाई और पिता ने दखल दिया, तो उन्हें मार दिया गया।’
उन्होंने बताया है कि हैवानों की हैवानियत करीब दो-तीन घंटों तक चली। वह देर रात अपनी पत्नी से नागा गांव में मिले और छोटी लड़की को उसका प्रेमी ले गया। फिलहाल, पति-पत्नी चूड़ाचांदपुर में राहत शिविर में रह रहे हैं।