आतंकी ग्रुप हमास ने इजराइल पर सबसे बड़ा हमला किया है

इस हमले में हमास ने इजराइल पर पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दाए गए है। इन हमलों में अभी तक दो सौ सेसाल 2020 में चार छोटे लेकिन महत्वपूर्ण अरब देशों ने इजराइल के साथ शांति संधि कर अरब जगत में शांति बहाली की जो उम्मीदें जगाई थीं, वो अब ध्वस्त होने लगी हैं।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों से सयुंक्त अरब अमीरात, सूडान, मोरोक्को और बहरीन ने सितंबर 2020 में इजराइल के साथ ‘अब्राहम एकॉर्ड’ शांति संधि पर हस्ताक्षर किए, जो की साल 1994 की इजराइल-जॉर्डन शांति संधि के बाद अरब जगत में सबसे बड़ा शांति समझौता था। लेकिन अप्रैल 2021 के मध्य में इजराइल के येरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद के विवाद ने वहां यहूदी और अरब समुदाय के बीच हिंसक झड़पों ने एक युद्ध का रूप लेना शुरू कर दिया

फिलिस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्र से आतंकी संगठन हमास ने इजराइल के सैनिको पर हमला कर 40 से अधिक लोगों की हत्या कर दी और कुछ को अगवा कर लिया। हमास के अनुसार, यह उनकी ओर से इजराइल द्वारा वर्ष 2021 में अल-अक्सा मस्जिद में अपने सैनिक भेजकर उसे अपवित्र करने का बदला है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखें तो अभी पिछले 3 अक्टूबर को बनी मंगल-केतु की विस्फोटक युति के बाद से ही किसी बड़ी हिंसक घटना की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन प्रश्न यह उठता है की इजराइल के हाल ही में सऊदी अरब के साथ शांति संधि की ओर बढ़ने की खबरों के बीच हुई यह हिंसक घटनाएं पश्चिम एशिया में अब क्या शांति की संभावनाओं को समाप्त कर देंगी ? भारत पर इजराइल-फिलिस्तीन में छिड़े घमासान का क्या प्रभाव पड़ेगा ? आइए ज्योतिष के दृष्टिकोण से इन भविष्य की आशंकाओं को देखते हैं।

इन योगों ने बनाया इजराइल को युद्ध में अजेय
इजराइल की स्थापना कुंडली 14 मई साल 1948 को सायं 4 बजे तेल अवीव की है। कन्या लग्न की इस कुंडली में हानि के बाहरवें घर में बैठा मंगल पराक्रम के तीसरे, विवाद के छठे और युद्ध के सातवें घर को दृष्टि देकर इजराइल को अपने जन्म के समय से ही शत्रुओं से घिरा देश बनता है। वर्ष 1948 , 1967 और 1973 में अरब देशों ने इजराइल पर हमला किया ओर हर बार हार का मुंह देखा। इजराइल की कुंडली में चतुर्थ भाव में पड़े धनु राशि के गुरु पर दशम भाव से शुभ ग्रह शुक्र की दृष्टि ने इसे तकनीक में उन्नत एक ऐसा राष्ट्र बना दिया, जिसने युद्ध में कभी हार का सामना नहीं किया।

पंचम भाव पर लाभ के एकादश भाव से शनि-चंद्र की दृष्टि ने इजराइल को विज्ञान और तकनीक में दुनिया का अग्रणी राष्ट्र बनाए रखा। लग्नेश और दशमेश बुध के भाग्य के नवम भाव में द्वाददेश (विदेश) सूर्य के साथ युति ने इजराइल को अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों से खूब मदद दिलवाई, जिससे इस राष्ट्र में संसाधनों की कभी कमी नहीं रही।

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