गया:

 बिहार में इन दिनों पुलिसवालों पर रील्स बनाने का भूत सा सवार है. सस्पेंड और विभागीय कार्रवाई होने के बाद भी पुलिसवाले इस करतूत से बाज नहीं आ रहे हैं. मुंगेर के बाद ताजा मामला गया से जुड़ा है. भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया के महाबोधि मंदिर में दो महिला सिपाही की रील्स बनाते वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. यह वीडियो इंस्टग्राम पर अपलोड है, जिसमे देखा जा सकता है कि महिला सिपाही अपने दोस्त के साथ वर्दी में ही गाना गाते और डांस करते नजर आ रही है.

 

हालांकि यह रील दो दिसम्बर को ही इंस्टाग्राम पर अपलोड किया गया है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से महाबोधि मंदिर में मीडियाकर्मियों तक को मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है, साथ ही आम श्रद्धालुओ के लिए प्रतिबंध है. हाल ही में एक बौद्ध श्रद्धांलु के द्वारा महाबोधि मंदिर परिसर से फेसबुक लाइव किया था, जिसमें गया डीएम त्यागराजन एसएम ने कड़ा संज्ञान लिया और बौद्ध श्रद्धालु का मोबाइल पास रद्द करते हुये उन पर एफआईआर करने का आदेश जारी कर दिया था.

जिस इंस्टाग्राम पर यह वीडियो अपलोड है उसमें 2036 पोस्ट्स 30.6 के फॉलोवर्स, और 235 फॉलोइंग है. महाबोधि मंदिर में दो महिला पुलिसकर्मी की रील्स बनाने का वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों के होश उड़ गए. आनन-फानन में डीएम डॉक्टर त्याग राजन और एसएसपी आशीष भारती के द्वारा इस वायरल वीडियो जांच के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया. इस जांच में बोधगया डीएसपी को रखा गया.

वायरल वीडियो की जांच सही पाया गया और इसमें पाया गया कि दोनों महिला पुलिसकर्मी महाबोधि मंदिर के अंदर में विभिन्न गानों पर रील बना रही थी, और 2 दिसंबर की बताई जा रही है. जांचोंपरांत एसएसपी के निर्देश पर दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और अनुशासनहीनता पर कार्रवाई भी की जाएगी. दोनों महिला पुलिसकर्मी बिहार विशेष सशस्त्र बल महिला बटालियन सासाराम की हैं और पिछले दिनों महाबोधि मंदिर की सुरक्षा में तैनात किया गया था.फिलहाल वो बोधगया में मंदिर के बाहर परिसर में तैनाती थीं, जिसे जांच के बाद निलंबित कर दिया है. मालूम हो कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर की सुरक्षा को लेकर आम श्रद्धालु के साथ-साथ मीडिया कर्मियों के मोबाइल पर भी एंट्री पर प्रतिबंधित है, हालांकि पुलिसवाले मोबाइल अंदर ले जा सकते हैं लेकिन अत्यधिक जरूरी रहने पर ही वह मोबाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं. बता दें कि विदेशी श्रद्धालु और बौद्ध भिक्षुओंके अलावे कुछ खास लोगों के लिए बीटीएमसी कार्यालय द्वारा शुल्क लेकर पास निर्गत किया जाता है.

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