गणतंत्र दिवस आ चुका है , जो ले आता है ख़ुशी और सम्मान का त्योहार।
हम भारत के गर्वित नागरिक, जो हैं अपने मुकुट पे सवार।
हम सबको करते प्रेम से नमस्कार, यही है हमारी जानी सी पहचान।
और है इस महान देश की संवृद्धि का कारण।
गणतंत्र का मतलब है आज़ादी की उच्चतम उच्चाई,
मौका है यह अद्यात्मिकता की प्राप्ति के लिए राजस्वैय।
हमारी आज़ादी से बढ़कर कोई नहीं है देश का महानतम उपहार,
जीवन की दौड़ में हम ले रहे हैं इसका आदान-प्रदान और अधिकार का करार।
यहां का नियम है समानता और न्याय,
यहां का धर्म है कर्म और सदैव उच्चता की प्राय।
हम सबको करते प्रेम से नमस्कार, यही है हमारी जानी सी पहचान।
और है इस महान देश की संवृद्धि का कारण।
हम विश्वास करते है हमारे इस देश में, हमें शक्ति की प्रवृत्ति होती है,
स्वतंत्रता के इस आदर्श पर, हमें हमेशा गर्व होती है।
यहां की मिट्टी में बसा है आदरता और महानता ,
यहां की वाणी में बसा है भाईचारे और एकाग्रता का ध्यान।
गणतंत्र दिवस आ चुका है , जो ले आता है ख़ुशी और सम्मान का त्योहार।
हम भारत के गर्वित नागरिक, जो हैं अपने मुकुट पे सवार।
यहां की खुशबू में बसा है संस्कृति का उद्घाटन,
यहां की आवाज़ में बसा है गर्व की गाथा।
गणतंत्र का नारा गर्व से गुँजता है कोने-कोने आसमान के ,
हम भारत के वीर नागरिक, जो हैं इसके प्रशंसक अनन्य मान।
गणतंत्र दिवस पर गर्व से उठाएं झंडा,
फैलाएं एकता का पर्चम, लें आगे बढ़ने का सत्य वचन।
हम सब मिलकर बनाएं एक आदर्श राष्ट्र,
जहां सबको मिले सम्मान और इष्ट।
गणतंत्र दिवस आ चुका है , जो ले आता है ख़ुशी और सम्मान का त्योहार।
हम भारत के गर्वित नागरिक, जो हैं अपने मुकुट पे सवार।
हम सबको करते प्रेम से नमस्कार, यही है हमारी जानी सी पहचान।
और है इस महान देश की संवृद्धि का कारण।
नाम: अभिषेक हरिदासन
स्थान: पुणे, महाराष्ट्र और इंदौर, मध्य प्रदेश
उम्र: 36