नमन है ऐसे जुनून को
डॉ अम्बेडकर इन्टरनेशनल सेंटर में आयोजित स्वतंत्रता सेनानी परिवार राष्ट्रीय सम्मेलन में 19 राज्यों से आए सेनानी परिवारों के जुनून को देखकर हम नत मस्तक हैं, इन दिनों कोहरे के कारण विलम्ब से चल रहीं ट्रेनों को देखते हुए जिस तरह से भाई बहन आरक्षण को दर किनार करते हुए बिना आरक्षण के ट्रेनों,
बसों तथा हवाई जहाज से दिल्ली पहुंच रहे हैं, वह हमारे पूर्वजों के इतिहास की पुनरावृत्ति कर रहा है। हमने आग्रह किया था कि दिल्ली में आवास की व्यवस्था स्वयं ही करना होगा, फिर भी जो भी स्थान उपलब्ध हुए, उनमें प्रसन्नता पूर्वक रहकर अपना भुगतान करके प्रसन्न चित्त हैं, वह रोमांचित होने के लिए विवस कर देता है। अधिकांश भाई बहनों ने तो स्टेशन पर ही अपना आश्रय केन्द्र बना लिया है।

समझ में नहीं आ रहा है कि कौन सी ऐसी शक्ति है जो हम सभी को हर तरह के अवरोधों को दूर करते हुए एक सूत्र में बंधने के लिए विवश कर रही है, चलिए आज देशभर के सेनानी परिवार संकल्प ले लें कि हम बिना किसी राजनैतिक खूंटे में बंधे अपने पूर्वजों के सम्मान तथा अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए एकजुट होंगे और सफलता प्राप्त करेंगे।

जितेन्द्र रघुवंशी

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