हरिद्वार

बहादराबाद और सिडकुल से आबादी क्षेत्र के लोगों को हो रही है परेशानी

बहादराबाद इंडस्ट्रियल एरिया और सिडकुल आईपी-टू क्षेत्र की इकाइयों के प्रदूषण से ग्रामीणों का हाल-बेहाल है। दोनों क्षेत्रों के बड़े-बड़े प्लांटों की चिमनियां दिनभर रुक-रुककर काला जहरीला धुंआ छोड़ती रहती हैं। इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। फैक्ट्रियों का काला धुआं लोगों की छतों पर काली परत के रूप में जमा रहता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है। बढ़ती समस्या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नहीं दिख रही है। ग्रामीणों का कहना है कि, प्लांट के धुंए से काफी दिक्कतें हो रही हैं। इतना ही नहीं इस जहरीले धुंए के कारण कई लोग बीमारी की चपेट में भी आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या की ओर शासन-प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ध्यान देना चाहिए। ग्रामीणों ने ऐसे कारखानों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कार्रवाई की मांग की है। इन कारखानों में लकड़ी और टायर जलाने का भी उनका आरोप है। कई ग्रामीणों का कहना है कि प्लास्टिक और टायर जलने से जो दुर्गंध उठती है उससे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। कारखानों से निकलने वाला धुआं न केवल इंसान बल्कि, इससे पेड़-पौधे और जीव जंतु भी प्रभावित हो रहे हैं। इस मामले में जिम्मेदार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शिकायत के बाद भी कोई कदम उठाने को तैयार नहीं है। -कमांडर राणा सलेमपुर आईपी-टू सिडकुल घरों में जब लोग सुबह उठते हैं, तो छत और आंगन में काली परत नजर आती है। काली डस्ट से लोग बीमार होना शुरू हो गए हैं। घर की छत और आंगन में कपड़े सुखाने से डर लगा रहता है। -स्वराज सिंह सलेमपुर, आईपी-टू सिडकुल कारखाने के चारों तरफ घनी आबादी है। यहां पर जो लोग निवास करते हैं वह जहरीले धुएं से बीमार हो रहे हैं। अधिकांश में सांस की तकलीफ है तो वहीं बच्चों में भी बीमारी फैलने का खतरा है

 

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