डाक्टर की आत्महत्या: देवेश के पिता रमेश चंद गर्ग की तहरीर पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है। देवेश ने 17 मई की रात आत्महत्या कर ली थी। आरोप है कि विभाग के प्रमुख और दो अन्य प्रोफेसरों ने उनके बेटे को परेशान करना शुरू कर दिया। साथ ही उसके स्वजन के मोबाइल नंबरों दोस्तों व कालेज के साथियों की काल डिटेल की भी जांच की जाए। पटेलनगर स्थित एक निजी मेडिकल कालेज में बाल रोग विभाग में पीजी प्रथम वर्ष की पढाई कर रहे डाक्टर देवेश गर्ग की आत्महत्या के मामले में पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने कालेज के तीन प्रोफेसरों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया है। देवेश के पिता रमेश चंद गर्ग की तहरीर पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है। देवेश ने 17 मई की रात आत्महत्या कर ली थी। दूसरी ओर, कालेज प्रबंधन ने पुलिस से मामले की निष्पक्षता से जांच की मांग की है।

थीसिस पास करने के लिए पांच लाख रुपये की मांग

पुलिस को दी शिकायत में ताली मंडी पीपल वाली गली होडल, जिला पलवल, हरियाणा निवासी रमेश चंद गर्ग ने बताया कि उन्होंने बेटे देवेश गर्ग का दाखिला श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेस में सितंबर 2023 में करवाया था। आरोप है कि पढ़ाई शुरू होने के कुछ दिन बाद ही विभाग के प्रमुख और दो अन्य प्रोफेसरों ने उनके बेटे को परेशान करना शुरू कर दिया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि 17 मई को देवेश ने फोन किया कि बाल रोग विभाग के प्रमुख ने उनकी थीसिस को दूसरी बार भी रिजेक्ट कर दिया है। थीसिस पास करने के लिए पांच लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। उसी रात पौने दस बजे उन्हें विभाग प्रमुख का फोन आया कि देवेश इमरजेंसी में भर्ती है और थोड़ी देर बाद बताया कि उसकी मृत्यु हो गई है। पटेलनगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक कमल कुमार ने बताया कि मृतक के पिता की तहरीर के आधार पर विभाग प्रमुख प्रो. उत्कृष्ट शर्मा, प्रो. आशीष सेठी, प्रो. विंदु अग्रवाल व प्रबंधक कमेटी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

कालेज प्रबंधन ने मामले की निष्पक्षता से जांच की मांग की

श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेस के प्राचार्य ने एसएसपी को पत्र लिखकर पीजी के डाक्टर देवेश गर्ग की आत्महत्या के मामले में निष्पक्षता से जांच की मांग की है। उन्होंने डा देवेश के मोबाइल फोन की काल, वाट्सएप डिटेल व चैट, फेसबुक अकाउंट व अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म की भी जांच की मांग की है।साथ ही उसके स्वजन के मोबाइल नंबरों, दोस्तों व कालेज के साथियों की काल डिटेल की भी जांच की जाए। पत्र में यह भी उल्लेख है कि उस दिन श्री महंत इंदिरेश अस्पताल की इमरजेंसी के लैंडलाइन नंबर पर एक महिला का फोन आया था, उसने खुद को डाक्टर बताया और यह भी कहा कि वह देवेश की मित्र हैं। वह देवेश की इमरजेंसी में हालत जानना चाहती थी और फोन करने वाली महिला के कथनानुसार वह डा. देवेश गर्ग के नियमित संपर्क में थी।

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