हरिद्वार चारधाम यात्रा सीजन: चारधाम यात्रा सीजन और गर्मियों की छुट्टी की वजह से हरिद्वार में भारी भीड़ उमड़ रही है। रोज शहर में जाम लग रहा है। इसी बीच 16 जून को श्रीगंगा दशहरा है। इस स्नान पर्व हरिद्वार में भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसे में भीड़ और अधिक बढ़ने से परेशानी भी बढ़ेगी। पुलिस और प्रशासन ने स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। पुरोहितों का मानना है कि गंगा दशहरा का पर्व तब से शुरू हुआ जब से मां गंगा धरती पर अवतरित होकर हरिद्वार में आईं। इसी दिन गंगा पुत्र भीष्म का भी जन्मदिन होता है। मान्यता है कि इस दिन हरिद्वार हरकी पैड़ी में स्नान करने से 10 प्रकार के पापों का शमन होता है। भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी कनखल हरिद्वार के प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि देवभूमि शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक दृष्टि से मोक्षदायिनी धरती है। गंगा दशहरा का महात्म्य 10 योग से भी जुड़ा है। इसी योगिनियों में मां गंगा का अवतरण हरिद्वार में हुआ। इन योग की गणना ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, दिन बुधवार, हस्त नक्षत्र, कन्या राशि में चंद्रमा, वृष राशि में सूर्य, तातिल करण आदि से जोड़ा जाता है। इस 10 योग में इस बार गंगा दशहरा पर छह योग बन रहे हैं। प्राय: कई वर्ष में इतने योग नहीं बनते हैं, इसलिए भी इस बार का गंगा दशहरा स्नान ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। स्नान पर्व पर विशेष रूप से दस प्रकार के फल, 10 प्रकार के रंग, 10 प्रकार की मिठाई, 10 प्रकार के वस्त्र से मां गंगा का पूजन का विधान है। 12 बजे से 2 बजे तक स्नान का शुभ मुहूर्त है। प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि अगर जो लोग पूजन नहीं कर सकते हैं वह स्नान के बाद 10 बार मां गंगा के मंत्रों का जाप करेंगे तो शुभ मुहूर्त में वह भी फलदायी होता है। यही नहीं इस अभिजीत मुहूर्त में कोई भी कार्य किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *