लक्सर।गोंडा (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले मोतीगंज निवासी रामतियाज काफी समय पहले परिवार संग देहरादून में रहकर छोटा मोटा काम करते थे। दो तीन साल पहले रामतियज की मौत हो गई थी। इसके बाद उनकी पत्नी प्रमिला दस वर्षीय बेटे जसमिंदरा के साथ देहरादून में ही रहकर काम कर रही है। करीब दस, पंद्रह दिन पहले माँ बेटा पुश्तैनी गांव गोंडा गए थे।
शनिवार को दोनों माँ बेटा गोरखपुर देहरादून राप्ती गंगा एक्सप्रेस से देहरादून लौट रहे थे। लक्सर से पहले माँ बेटे ने खाना खाया। इसके बाद ट्रेन लक्सर में रुकी तो प्रमिला बोतल में पानी भरने नीचे उतर गई। इस दौरान ट्रेन चल पड़ी और प्रमिला लक्सर में ही रह गई प्रमिला रोते हुए लक्सर जीआरपी थाने पहुंची और पुलिस को जानकारी दी। जीआरपी लक्सर एसओ सुभाषचंद्र ने उसकी बात सुनने के बाद तुरंत हरिद्वार जीआरपी थानाध्यक्ष अनुज कुमार से बात की। तो पता चला कि ट्रेन ज्वालापुर पहुंचने वाली है। एसओ जीआरपी द्वारा बताए गए बच्चे के हुलिए से ज्वालापुर जीआरपी ने ट्रेन में चेकिंग की तो बच्चा उन्हें एक डिब्बे में रोता हुआ मिला।
उन्होंने बच्चे की फोटो एसओ जीआरपी लक्सर सुभाष चन्द् को भेजी। एसओ सुभाष चंद ने फोटो प्रमिला को दिखाई तो उसने उसे अपने बेटे को पहचान लिया। इसके बाद जीआरपी ने बच्चे को ज्वालापुर में उतार लिया। बाद में लक्सर जीआरपी के एक होमगार्ड के साथ प्रमिला को ज्वालापुर जीआरपी थाने भेजा गया। एसओ सुषाषचंद्र ने बताया कि बच्चा उसकी माँ के सुपुर्द कर दिया गया है।
