हरिद्वार।
टोक्यो ओलंपिक में देश को गोल्ड दिलाकर विश्व में अपना परचम लहराया, उसे रुड़की के नसीम अहमद के हाथों तराशा गया है। रुड़की के टोडा कल्याणपुर निवासी नसीम अहमद ही वह कोच हैं, जिन्होंने नीरज चोपड़ा को वर्ष 2011 से अब तक अपनी पाठशाला में जेवलिन की बारीकियां सिखाईं।
इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद भी नीरज के कोच उनके इस प्रदर्शन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। उन्हें उम्मीद थी कि नीरज फाइनल में 90 मीटर से अधिक दूरी तक भाला फेंककर ओलंपिक रिकॉर्ड कायम करेंगे। अमर उजाला से खास बातचीत में नसीम अहमद ने बताया कि 14 साल पहले हरियाणा सरकार ने बतौर कोच उन्हें पंचकुला के रेजीडेंसियल हॉस्टल में भेजा था। उसी दौरान उनके पास आए 14 खिलाड़ियों में से नीरज चोपड़ा भी एक थे। वह वर्ष 2011 में पानीपत से उनके पास आए थे। इनमें से नीरज के अलावा पांच इंटरनेशनल खिलाड़ी बने, जो भी बड़े पदों पर हैं, लेकिन इसी दौर में नीरज काफी आगे बढ़ते गए। उन्होंने सबसे पहले अंडर-18 में रिकॉर्ड बनाया। फिर अंडर-20 में पोलैंड में 2016 में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया
