अर्थव्यवस्था को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्हें भारत को सबसे कमजोर बनाने और देश में भीषण महंगाई के लिए याद किया जाता है। सीतारमण ने मनमोहन सिंह पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक कारणों से भारत को पीछे खींचने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि कोविड महामारी के बावजूद भारत सबसे तेजी से विकास कर रही बड़ी अर्थव्यवस्था है और अगले साल भी ऐसा ही रहने की संभावना है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘‘मैं आपका (मनमोहन) बहुत सम्मान करती हूं, मुझे आपसे यह आशा नहीं थी।’’ उन्होंने यह जानना चाहा कि वह कहीं पंजाब विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए तो ऐसा नहीं कर रहे हैं।
सीतारमण ने मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में निर्यात और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आंकड़ों की भी तुलना की। मंत्री ने कहा कि मनमोहन सिंह को ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में याद किया जाता है जिनके कार्यकाल में लगातार 22 महीनों तक मुद्रा स्फीति (महंगाई) दहाई में थी और पूंजी देश से बाहर जा रहा था। उन्होंने महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधने वालों पर मुद्दे को लेकर भ्रम पैदा करने का भी आरोप लगाया।
केन्द्रीय मंत्री ने पूर्व एनएसई प्रमुख चित्रा रामकृष्ण द्वारा देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज को चलाने के लिए ‘हिमालय में बसने वाले योगी’ की सलाह लेने के बारे में हाल में हुए खुलासों का भी संदर्भ दिया और कहा कि सत्ता में रहते हुए सिंह को लंबे समय तक पता भी नहीं था कि चीजें कैसे चल रही हैं।
मनमोहन सिंह ने क्या कहा था?
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि बीजेपी पिछले सात साल से ज्यादा समय से सत्ता में है, लेकिन लोगों की समस्याओं के लिए वह अब भी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहरा रही है। सिंह ने किसान आंदोलन, विदेश नीति, महंगाई और बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी का राष्ट्रवाद ‘फर्जी’ है और ब्रितानी नीति ‘‘फूट डालो और राज करो’’ पर आधारित है। सिंह ने कहा कि सरकार विदेश नीति के मामले में ‘‘बुरी तरह असफल’’ साबित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीनी सेना ‘‘पिछले एक साल से हमारी पवित्र धरती पर कब्जा जमाए है, लेकिन इस मामले को दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं।’’
इतना ही नहीं मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि अब मौजूदा सरकार को यह समझ में आ गया होगा कि नेताओं को जबरदस्ती गले लगाने से, उनके साथ झूला झूलने से या बिना बुलाए बिरयानी खाने से देशों के संबंध नहीं सुधरते हैं।’’