बिहार।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के सबसे बड़े डोरंडा मामले में 5 साल की सजा सुनाई हैं। साथ ही कोर्ट ने लालू पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। रांची में CBI के विशेष जज एसके शशि ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सजा का ऐलान किया। अधिवक्ता का कहना है कि सजा की आधी अवधि पूरी हो गई है, इसलिए लालू को हाईकोर्ट से जमानत मिलने की उम्मीद है।
सजा के ऐलान से पूर्व लालू की ओर से उनके वकील ने 16 बीमारियों का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की मांग की। जिसका सीबीआई के अधिवक्ताओं की ओर से विरोध किया गया।
फिलहाल लालू स्वास्थ्य कारणो के चलते रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती है जिसे अस्थायी जेल बनाया गया है।

इस मामले में दोषी पाए गए अन्य 37 लोगों को सजा सुनाई जा रही है। लालू प्रसाद समेत 38 अन्य आरोपियों को 15 फरवरी को दोषी करार दिया गया था। इसके बाद लालू प्रसाद को जेल भेज दिया गया था। बेहतर इलाज के लिए लालू प्रसाद को जेल प्रशासन ने रिम्स भेज दिया था। लालू प्रसाद रिम्स से ही ऑनलाइन कोर्ट से जुड़े थे।

सजा सुनाने के पहले सीबीआई की ओर से सभी दोषियों को अधिकतम सजा देने का आग्रह किया गया। जबकि बचाव पक्ष ने कम से कम सजा देने का आग्रह किया। रांची सिविल कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में राजद के नेता और कार्यकर्ता बिहार से भी पहुंचे हैं। इनमें अब्दुल बारी सिद्दिकी, पूर्व मंत्री श्याम रजक भी शामिल हैं। राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में सजा सुनाए जाने का स्वागत किया। राजद के नेताओं ने कहा सजा की अवधि के मामले में लालू प्रसाद यादव के साथ न्याय हुआ है।

डोरंडा कोषागार मामले के तीन आरोपियों को तीन साल से कम की सजा सुनाई गई। वहीं कोर्ट ने केएम प्रसाद को पांच साल की सजा सुनाने के साथ डेढ़ करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सीबीआई कोर्ट ने जिन लोगों को सजा सुनाई है उनमें उनमें पूर्व विधायक आरके राणा और पशुपालन विभाग के पूर्व सचिव बेक जूलियस भी शामिल हैं।

लालू यादव को सजा सुनाए जाने पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यह तो होना था। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘लालू यादव को 5 साल की सजा और 60 लाख के जुर्माने से किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। यह तो होना था। लालूजी की चार्जशीट देव गौड़ाजी के समय और पहली सजा मनमोहन सिंह जी के समय हुई। फिर भी फंसा दिया गया यही राग अलापा जाएगा।’

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