निशान्त चौधरी।
मेला नियंत्रण भवन के सभागार में डीब्रीफिंग अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड पुलिस के द्वारा प्रथम शाही स्नान के दौरान पुलिस बल को हुए अनुभवों के सम्बंध में डिब्रीफ़िंग ली गई।
डिब्रीफ़िंग में सर्वप्रथम आईजी कुंभ संजय गुंज्याल द्वारा प्रथम शाही स्नान पर्व शिवरात्रि के सफल और सकुशल आयोजन की सबको बधाई दी और DGP को इस डिब्रीफ़िंग मे सम्मिलित होने पर स्वागत व धन्यवाद किया गया।
कार्यक्रम के शुरुआत में DGPद्वारा जोनल, सेक्टर और थाना प्रभारियों से क्रमवार उनका ड्यूटी के दौरान हुआ अनुभव और सुझाव जानने का क्रम शुरू किया गया।
जोन, सेक्टर, थाना, शाखा, CPMF के प्रभारियों से प्राप्त फीडबैक और DGP के शाही स्नान के दौरान स्वयँ के द्वारा किये गए भृमण से प्राप्त जानकारियों और अनुभव के आधार पर DGP ने सिरेवार उपस्थित अधिकारीगण को डिब्रीफ़ करना शुरू किया।
DGPद्वारा सबसे पहले कहा गया कि मेले के दौरान ओवरऑल व्यवस्था अपेक्षाकृत काफी अच्छी रही परन्तु कुछ जगहों पर नियुक्त पुलिसबल के द्वारा अपनी ड्यूटी को उतने अच्छे से नही किया गया जितना कि उनसे उम्मीद थी। इसका कारण यह रहा कि मेला पुलिस व्यवस्था के सम्बंध में जो ब्रीफिंग उच्च स्तर के पुलिस अधिकारियों के द्वारा की गई उसकी जानकारी क्षेत्र में ड्यूटी पर मौजूद आखिरी जवान तक नही पहुंचाई गई, जिसका परिणाम यह रहा कि कुछ जगहों पर ड्यूटी मेला पुलिस व्यवस्था के अनुसार नही दिखाई दी।
इसलिए आगामी शाही स्नानों पर यह सुनिश्चित किया जाए कि मेला पुलिस व्यवस्था सम्बंधित जो भी ब्रीफिंग, आदेश, निर्देश उच्चाधिकारियों द्वारा दिये जाते हैं वो फील्ड में नियुक्त अंतिम पंक्ति के जवान तक अच्छे से पहुंच जाए और सुनिश्चित करने का सम्पूर्ण दायित्व बीच की पंक्ति के अधिकारियों का होगा।
इसके बाद DGP द्वारा बिंदुवार और स्थानवार निर्देश देने शुरू किए जिसमे उनके द्वारा गौरीशंकर, दूधियाबन, सप्तऋषि, शांतिकुंज सहित सभी पार्किंगों में आगामी शाही स्नानों से पहले-पहले प्रत्येक दशा में आवश्यक व्यवस्थाओं को मेला प्रशासन के माध्यम से ठीक कराने और पार्किंग में वाहनों को सिस्टम से खड़ा कराने के निर्देश दिए। जोनल और सेक्टर प्रभारी मौके पर जाकर अपने क्षेत्र के पुलिस बल की डिटेल में ब्रीफिंग लगातार करते रहें ताकि मेले तक क्षेत्र में नियुक्त पुलिस बल के दिमाग मे अपनी ड्यूटी को लेकर कोई कन्फ्यूजन न रहे।
DGP द्वारा बताया गया कि शाही स्नान के दौरान आने वाली अत्यधिक भीड़ के कारण मेला क्षेत्र में लगे मोबाइल के टावर ओवरलोड हो जाएंगे और मोबाइल के माध्यम से आपस मे सम्पर्क करने में मुश्किल आएंगी। इसलिए सभी ज़ोनल, सेक्टर और शाखा प्रभारी अपनी-अपनी आवश्यकताओं के अनुसार वायरलेस सेट प्राप्त कर लें और वायरलेस सिस्टम के माध्यम से अधिक से अधिक सम्पर्क बनाने की आदत बना लें,
इसके बाद DGP द्वारा डाइवर्जन में और अधिक फ़ोर्स लगाने का निर्देश दिया। ऋषिकुल को अलग सेक्टर बनाने और आवश्यकता अनुसार ऋषिकुल में उपलब्ध स्थान का सदुपयोग करने का आदेश दिया
यातायात और घाट व्यवस्था के सम्बंध में निर्देश दिए गए और कहा गया कि हर की पैड़ी के आस-पास जितने भी होल्डअपस (चक्रव्यूह) हैं उन सभी का अलग से जोन बना दिया जाए और होल्डअप पुलिसबल की संख्या बढ़ाते हुए घुड़सवार पुलिस भी लगाई जाए,
आवारा पशुओं को हर हाल में मेला क्षेत्र से हटवा लिया जाए, वरना किसी हादसे का कारण बन सकते हैं। नमामि गंगे के घाटों पर जल का स्तर बेहद नीचे था जिससे स्नानार्थियों को दिक्कत हुई। अगले स्नानों के दौरान पर्याप्त जल स्तर बनाये रखने के लिए सम्बंधित विभाग से कार्यवाही करा ली जाए। अपर पुलिस अधीक्षक संचार मुकेश ठाकुर अधिकारीगण से हर घण्टे में मेला क्षेत्र की कुशलता पूछना शुरू करें। आगामी शाही स्नान की 08 अप्रैल को मुख्य ब्रीफिंग होंगी और 09 अप्रैल से ड्यूटी खड़ी हो जायेंगी। देहरादून जाने वाले लोगों को वाया छुटमलपुर वाला रास्ता बताया जाए।
DGP द्वारा डिब्रीफ़िंग में मौजूद अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों से उनके अनुभव और सुझाव पूछे तो NSG के प्रभारी अधिकारी द्वारा बताया गया कि शंकराचार्य चौक के नीचे से गुजरने वाली अखाड़ों की झांकी को देखने के लिए फ्लाई ओवर के ऊपर लोग खड़े हो जाते हैं जो कि सुरक्षा की दृष्टि से सही नही है। DGP महोदय द्वारा SP यातायात प्रदीप राय खाली रखने के निर्देश दिए। आईजी कानून व्यवस्था डॉ वी0 मुरुगेशन के द्वारा कहा गया कि हमें अपनी ड्यूटी के दौरान बेशक सुरक्षा व्यवस्था को बेहद पुख्ता बनाना है लेकिन साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा और मानवीय पहलुओं को भी नही भूलना है।
DIG गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग द्वारा निर्देशित किया गया किबहर ड्यूटी पॉइंट पर जाकर बार-बार ब्रीफिंग करें, ताकि फील्ड में लगे पुलिस बल को अपनी ड्यूटी के बारे में कोई भी कन्फ्यूजन रहे।
अंत मे आईजी कुम्भ संजय गुंज्याल द्वारा DGP महोदय से कहा गया कि इस बार भेजे जाने वाले पुलिस बल में उन पुलिसकर्मियों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में भेजा जाए, जिनके द्वारा कुम्भ मेला का व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया जा चुका है या जो पूर्व में कुम्भ मेला ड्यूटी कर चुके हैं।
इसके अतिरिक्त आईजी कुम्भ द्वारा सभी उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सभी स्तर के प्रभारी अधिकारियों के ऊपर अपने क्षेत्र की 24 घण्टे की जिमेदारी हैं, इसलिए हर समय क्रियाशील रहें और आगे बढ़कर अपने अधीनस्थ पुलिस बल का कुशल और सफल नेतृत्व करें।
