हाथरस
हाथरस में किशोरी से दुष्कर्म और जलाकर हत्या के मामले में आरोपित मोनू जेल से रिहा कर दिया गया। हाईकोर्ट ने उसकी फांसी की सजा को रद्द करने के साथ ही उसको रिहा करने के आदेश दिए थे।
हाथरस में 14 वर्ष की किशोरी से दुष्कर्म और जलाकर हत्या के मामले में आरोपित मोनू ठाकुर को जेल से रिहा कर दिया गया। हाईकोर्ट ने उसकी फांसी की सजा रद्द करने और रिहा करने के आदेश दिए थे। इसकी जानकारी होने पर परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई।
घटना 15 अप्रैल 2019 की है। थाना सिकंदराराऊ के गांव नगला रमिया निवासी मोनू ठाकुर पुत्र अनिल कुमार के खिलाफ पास के ही एक गांव के व्यक्ति ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें आरोप था कि उनकी 14 वर्षीय बेटी घर की छत पर खाना बना रही थी और नानी नीचे थी। तभी मोनू ठाकुर घर में घुस आया और बेटी के साथ छेड़छाड़ की। विरोध करने पर उस पर मिट्टी का तेल डालकर जला दिया था। करीब 20 दिन अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कालेज में उपचार के दौरान किशोरी की मौत हो गई थी।
इस मामले में पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुनर्विवेचना में मुकदमे में दुष्कर्म की भी धारा बढ़ाई। चार्जशीट दाखिल होने के कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। स्थानीय न्यायालय ने 23 सितंबर 2021 को आरोपित को मोनू को फांसी की सजा सुनाई थी। मामला हाईकोर्ट में पहुंचा। आठ मार्च को हाईकोर्ट ने आरोपित को मिली फांसी की सजा रद्द कर दी और उसे तत्काल रिहा करने का निर्देश दिए थे। इस आधार पर मोनू को रिहा कर दिया गया। जेलर प्रमोद कुमार सिंह ने मोनू के रिहा होने की पुष्टि की है।
मैं निर्दोष हूं, बहुत खुश हूंः मोनू
जेल से रिहा होने के बाद मोनू के चेहरे पर खुशी झलक रही थी। ऐसे में मोनू ने सिर्फ इतना ही कहा कि मैं निर्दोष हूं और बहुत खुश हूं। न्यायालय पर मुझे पूरा भरोसा है।
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