कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में कोरोना को लेकर केंद्र सरकार को घेरा साथ ही उन्होंने फिर से मिड डे मील शुरू करने की अपील की। सोनिया गांधी ने कहा कि महामारी के बाद से हमारे देश के भविष्य यानी बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। स्कूल सबसे पहले बंद हुए और सबसे आखिर में खुले। इसी के साथ मिड डे मील की व्यवस्था बंद हो गई थी। सरकार से आग्रह है कि वह मिड डे मील को तुरंत शुरू करे। लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत राशन दिया गया।

सोनिया गांधी ने कहा कि बच्चों के लिए सूखा राशन और पका हुआ भोजन का कोई विकल्प नहीं था। यह सच है कि बच्चों के परिवारों को जीविकोपार्जन के लिए एक बड़े संकट का सामना करना पड़ा। ऐसा संकट पिछले कुछ वर्षों में पहले कभी नहीं आया था। जैसे-जैसे बच्चे स्कूलों में लौट रहे हैं, उन्हें और भी बेहतर पोषण की जरूरत है।

सोनिया गांधी ने आगे कहा कि आंगनवाड़ियों की मदद से तीन साल से कम उम्र के बच्चों के लिए और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी पके हुए पौष्टिक भोजन की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि पांच साल से कम आयु के बच्चे जो बेहद कमजोर हैं उनका प्रतिशत (संख्या) 2015-16 की तुलना में बढ़ गया है।

सोनिया गांधी असामान्य रूप से अधिक सक्रिय थी और प्रश्नकाल के दौरान पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ विपक्ष के विरोध का नेतृत्व किया।

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