खाने के तेल, रसोई गैस, आटे और पेट्रोल-डीजल के बाद अब आपको जल्द ही दवाइयों की महंगाई से जूझना पड़ेगा। जरूरी दवाओं के लिए अब आपको अधिक पैसा खर्च करना होगा। अगले महीने से 800 से अधिक दवाइयों की कीमतें बढ़ने जा रही हैं। दवाओं की कीमतों में 10 फीसदी तक का उछाल आ सकता है। जिन दवाओं की कीमतें बढ़ेंगी उनमें बुखार, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, त्वचा रोग और एनीमिया के इलाज में काम आने वाली दवाएं भी शामिल हैं। पैरासिटामॉल जैसी सबसे अधिक उपयोग होने वाली दवाओं की कीमतों में वृद्धि से ग्राहकों पर बड़ा असर पड़ेगा। अप्रैल से पेनकिलर और एंटी बायोटिक के रूप में काम आने वाली दवाओं की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रही है।
इन दवाओं की बढ़ सकती हैं कीमतें:-
अगर नई कीमतें आती हैं तो 1 अप्रैल से बुखार, इन्फेक्शन, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग और एनीमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं। इसके अलावा पैरासिटामॉल, फेनोबार्बिटोन, फ़िनाइटोइन सोडियम, एज़िथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड और मेट्रोनिडाज़ोल जैसी दवाएं शामिल हैं।
सबसे अहम बात ये है कि इस महंगाई की चपेट में वो दवाएं भी आएंगी जो नेशनल इसेंशियल लिस्ट ऑफ मेडिसिन (एनईएलएम) में शामिल हैं। इस लिस्ट में एंटीबायोटिक्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, कान-नाक और गले की दवाएं, एंटीसेप्टिक्स, पेन किलर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मेडिसिन और एंटीफंगल दवाएं शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इनमें भी काफी बढ़ोतरी हो सकती है।
इस आधार पर बढ़ती हैं कीमतें:-
ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर 2013 के क्लॉज 16 एनपीपीए को प्रत्येक वर्ष के 1 अप्रैल को या उससे पहले पूर्ववर्ती कैलेंडर वर्ष के लिए एनुअल होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) के अनुसार अनुसूचित फॉर्मूलेशन की अधिकतम कीमत को संशोधित करने की अनुमति देता है. इसी आधार पर हर साल 1 अप्रैल से नई कीमतें लागू होती हैं।
यह भी पढ़ें:- ‘महंगाई मुक्त भारत अभियान’ महंगाई के खिलाफ कांग्रेस करेगी अभियान