साल में चार बार माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन में नवरात्रि पड़ती है। जिसमें से चैत्र और आश्विन नवरात्रि को व्यापक स्तर पर मनाया जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा का जो स्वरूप है उसमें उनके 8 हाथों में विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र हैं। लेकिन क्या आप जानतें हैं कि माता के हाथों अस्त्र-शस्त्र कहां से आए। चलिए जानते हैं कि मां दुर्गा के हाथों में स्थित विभिन्न अस्त-शस्त्र के बारे में।

मां दुर्गा के हाथों में कहां से आए अस्त्र-शस्त्र

शंख- पुराणों के मुताबिक मां दुर्गा को हाथों में शंख वरुण देव ने प्रदान किए हैं। मान्यता है कि मां दुर्गा की शंख की आवाज से ही सैकड़ों असुरों का नाश हुआ था। शंख का नाद नकारात्मकता को दूर करता है।

चक्र (सुदर्शन)- पुराणों में वर्णित है कि भगवान विष्णु में मां दुर्गा को सुदर्शन चक्र प्रदान किए थे। मान्यता है कि इस चक्र के इर्द-गिर्द ब्रह्माण्ड घूमता है।

तलवार- भगवान गणेश ने मां दुर्गा को तलवार प्रदान किया था। मान्यता है कि मां दुर्गा के तलवार की धार बुद्धि की तीक्ष्णता और उसकी चमक ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है।

वज्र- इंद्रदेव ने मां दुर्गा के हाथों में वज्र प्रदान किया था। वज्र को आत्मा की दृढ़ता और मजबूत इच्छाशक्ति का प्रतीक माना गया है। देवी दुर्गा अपने भक्तों को आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति प्रदान करती हैं।

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