रिपोर्ट-मुकेश राणा।
हरिद्वार।
लालढांग—गैंडीखाता क्षेत्र के लेखपाल रामनाथ के रिश्वत लेने के वीडियो को वायरल हुए और सस्पेंड हुए 15 दिन का समय हो गया है, लेकिन हरिद्वार सदर एसडीएम सस्पेंड हुए लेखपाल से चार्ज नहीं ले सके। जबकि आदेश दूसरे लेखपाल के लिए हो चुका है। स्थिति क्लियर न होने से जनता के काम नहीं हो रहे हैं। उन्हें तहसील आने पर स्थिति स्पष्ट नहीं होती और दूर—दराज से आने पर भरी दोपहरी में निराश होकर खाली हाथ लौटना पड़ता है।
10 मई को लालढांग गैंडीखाता क्षेत्र के लेखपाल रामनाथ का रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हुआ था। मामले का संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने लेखपाल रामनाथ को सस्पेंड कर दिया था। उनके स्थान पर श्यामपुर के लेखपाल को चार्ज देने के आदेश जारी कर दिए थे। लेकिन पूरे 15 दिन बीत जाने के बावजूद भी एसडीएम गोपाल सिंह राणा अपने आदेश का पालन नहीं करा सके हैं। कांग्रेस के प्रदेश सचिव गुरजीत लहरी का कहना है कि जिला प्रशासन मिला हुआ हैं।
रिश्वत के रूपयों को सभी मिल बांटकर खा जाते हैं। ऐसे में आरोपी लेखपाल पर कार्रवाई करना केवल दिखावा साबित हुआ है। 15 दिन बाद भी लेखपाल की स्थिति साफ नहीं हो सकी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द लेखपाल दूसरा नियुक्त नहीं किया तो वे किसानों एवं स्थानीय लोगों के साथ तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
गुरजीत लहरी ने जिलाधिकारी से मांग उठाई कि ऐसे रिश्वतखोर लेखपाल के साथ पनाह देने वाले अधिकारियों की संपत्ति की जांच भी होनी चाहिए, लेखपाल को तो सस्पेंड करने के बजाय नौकरी से बर्खास्त करना चाहिए।
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