नई दिल्ली :
टेरर फंडिंग मामले में एनआईए कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है।
इससे पहले यासीन मलिक को एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। यासीन को सजा सुनाए जाने से पहले जम्मू-कश्मीर में उसके घर के बाहर पत्थरबाजी की गयी। यासीन के समर्थन में नारे भी लगाये गये। यासीन पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के साथ-साथ देशद्रोह के मामले दर्ज हैं। बता दें, मलिक कश्मीरी अलगाववादी नेता है।
गौरतलब है कि यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर का अलगाववादी नेता है। आतंकी वित्त पोषण के मामले में उसे दोषी करार दिया गया है। जिसपर आज कोर्ट फैसला सुनाएगा। गौरतलब है कि 10 मई की सुनवाई में मलिक ने अदालत में कहा था कि वह अपने खिलाफ लगाए आरोपों का सामना नहीं करना चाहता उसने अपना जुर्म भी कबूल लिया था। वहीं, सजा के ऐलान को लेकर कोर्ट के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर यूएपीए की धारा के तहत आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने से लेकर उन गतिविधियों के लिए धन जुटाने का आरोप लगा है। उसपर आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने का आरोप लगा है। इसके अलावा यासीन मलिक पर भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश, देशद्रोह समेत हिंसा के कई मामले में आरोप दर्ज है। जिनपर फांसी या उम्रकैद की सजा होती है।
अदालत ने पूर्व में, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसरत आलम, मोहम्मद युसूफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख तथा नवल किशोर कपूर समेत कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप औपचारिक रूप से तय किए थे।
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