हरिद्वार
राजकुमार की कलम से ✍
हिंदू धर्म में रीति रिवाज के अनुसार पित्र पक्ष को बहुत महत्व दिया जाता है जहां पर परिवार द्वारा पित्रपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण या पिंडदान करने की परंपरा निभाई जाती है पितृपक्ष में हलवा खीर पुरी मिठाइयां आदि व्यंजन तैयार कर पितरों का श्राद्ध किया जाता है ताकि पित्रगण प्रसन्न रहें और उनकी कृपा हम पर बनी रहे
इस वर्ष 2022 में पितृपक्ष 10 सितंबर शनिवार से 25 सितंबर तक रहेगा
और चुनाव का दौर भी 6 सितंबर से लेकर 26 सितंबर तक रहेगा जहां एक तरफ हिंदू धर्म में पितृपक्ष में मांस मदिरा को हाथ लगाना भी पाप है वहीं पर चुनाव के दौरान मांस मदिरा का लगातार सेवन और वितरण किया जा रहा है प्रत्याशी वोट बटोरने के लिए वोटरों को मांस मदिरा का लालच देकर वोट बटोरने की पूरी कोशिश कर रहे है
देखा जाए तो अब कहां गए पित्र पक्ष को मानने वाले लोग यह वही लोग हैं जो पितृपक्ष में शराब मदिरा को हाथ तक नहीं लगाते और चुनाव के दौरान इनके ही द्वारा लगातार मांस मदिरा का सेवन, वितरण किया जा रहा है
नोट: कड़वा है मगर सत्य है