Hajj Yatra 2023: इस्लामिक समुदाय में हज एक तीर्थ यात्रा है और हर मुस्लिम महिला व पुरुष अपने जीवन में एक बार हज यात्रा जाने की तमन्ना जरूर रखता है.

Hajj Yatra 2023: सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में हज यात्रा शुरू हो गई है और इसमें शामिल होने के लिए दुनियाभर से हजारों की संख्या में हज यात्री यहां पहुंचेंगे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना वायरस की वजह से हज यात्रा में कुछ पाबंदियां लगा दी गई थीं जिन्हें आखिरकार अब हटा दिया गया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बार अधिक संख्या में यात्री यहां पहुंच सकते हैं. इस्लाम में हज यात्रा को विशेष महत्व और प्रत्येक मुस्लिम की तमन्ना होती है कि वह अपने जीवन में एक बार हज यात्रा पर जरूर जाए. मुस्लिम समुदाय के लिए मक्का ऐतिहासिक तीर्थ स्थल है और यहां से हज यात्रा की शुरुआत होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हज यात्रा से जुड़े कुछ ऐसे नियम होते हैं जो प्रत्येक हज यात्री के लिए जानने बेहद जरूरी हैं? आइए जानते हैं कब शुरु होती है हज यात्रा, इसका महत्व और इसके जुड़े नियमों के बारे में डिटेल से.
हज यात्रा का महत्व
इस्लामिक समुदाय में हज यात्रा एक बेहद ही कठिन और सबसे मंगी तीर्थयात्रा मानी गई है. इस यात्रा पर जाना जितना कठिन है उतना ही इसमें खर्चा भी है. इसलिए लोग ताउम्र हज यात्रा पर जाने के लिए बचत करते हैं. मुस्लिम समुदाय की मान्याताओं के अनुसार हज यात्रा पर जाने वाले व्यक्ति को अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है और हाजी स्वंय को अल्लाह के करीब महसूस करता है. इस्लाम में पांच स्तंभों का जिक्र किया है जिसमें हज, शहादा, नमाज, रोजा और जकात शामिल हैं.
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हज यात्रा पर जाने के नियम
हज इस्लामी तीर्थयात्रा है जो कि हर साल मक्का में होती है और हर मुसलमान इसें हज यात्रा पर जाना चाहता है. लेकिन हज यात्रा के कुछ नियम होते हैं और जो व्यक्ति इन नियमों का पालन करता है केवल वही हज यात्रा पर जा सकता है.
- हज यात्रा पर जाने के लिए सबसे पहली शर्त व नियम यह है कि व्यक्ति का मुस्लिम होना जरूरी है. केवल इस्लाम धर्म का पालन करने वाला व्यक्ति ही हज यात्रा पर जा सकता है.
- हज यात्रा के लिए व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से स्वस्थ्य व सक्षम होना बेहद जरूरी है. क्योंकि जो व्यक्ति आर्थिक रूप से सक्षम होता है वही इस पाक यात्रा का खर्चा उठा सकता है.
- हज यात्रा में सभी हाजी यानि हज यात्रियों को एहराम पहनना होता है. जो कि सफेद रंग का ऐसा कपड़ा होता है जिसमें कहीं सिलाई नहीं होती. वहीं महिलाओं के लिए हज यात्रा के दौरान अपने बालों समेत पूरे शरीर को ढकना अनिवार्य है.
- हज यात्रा मक्का शहर से शुरू होती है और वहां पहुंचकर व्यक्ति को सबसे पहले उमरा करना होता है. उमरा की प्रक्रिया के बाद ही हज यात्रा पर जाते हैं. जरूरी नहीं है कि उमरा हज के महीने में ही किया जाए, बल्कि उमरा पूरे साल कभी भी किया जा सकता है.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. Ullekh news इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
