मुंह पर झुठीं तारीफ करने का
मुझें हुनर नही आता है
गलतफहमी मत रखना दिमाक में
किसान ही है सबका भाग्य विधाता।
किसानों का जीवन है साधारण
उनका मेहनत है असाधारण
कष्ट सहकर देश को पुष्टि देने वाला
किसान ही है सबका भाग्य विधाता।
जो बारिश में भींगता है
धूप में पसीना निकलता है
कड़ी मेहनत करने वाला
किसान ही है सबका भाग्य विधाता।
यूं तो कई लोग है इस दुनिया में
पर किसान नही तो अन्न नही
और अन्न नही तो हम नही
किसान ही है सबका भाग्य विधाता।
बढ़ रही है विश्व में खूब आबादी
अनेकों ने जमीन उद्योग में लगा दी
भूख से बचाने वाला कोई और नहीं है
किसान ही है सबका भाग्य विधाता।
दायरा छोटा पड़ जाता है सज्जनों
किसानों के सोच के समंदर के सामने
अपना तन मन धन लगा देता है
विश्व को भूख से बचाने के लिए
किसान ही है सबका भाग्य विधाता।
