प्राण प्रतिष्ठा से पहले रविवार को कुछ धार्मिक आयोजन मंदिर परिसर में होने हैं। कई मेहमान शनिवार को ही यहां पहुंच गए हैं। कुछ आज और कल आ सकते हैं। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होनी है।
इसके पहले आज 21 जनवरी को कुछ धार्मिक कार्यक्रम होंगे। प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन पहले रविवार को नित्यपूजन, हवन, पारायण, प्रात: मध्वाधिवास, 114 कलशों के विविध औषधीयुक्त जल से मूर्ति स्नान, महापूजा, उत्सव मूर्ति का प्रासाद परिक्रमा, शय्याधिवास तत्वन्यास, महान्यासादि, शांतिक-पौष्टिक, अघोर-व्याह्रतिहोम, रात्रि जागरण जैसे अनुष्ठान होंगे।

शनिवार को हुआ जल से अभिषेक
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के पांचवें दिन शनिवार को अचल विग्रह का औषधियुक्त 81 कलशों के जल से अभिषेक किया गया।
नए राम मंदिर की वास्तुशांति भी हुई। इससे पहले अधिवास में रहे रामलला के रजत विग्रह को वेदमंत्रों के जरिये सुबह जगाया गया। फिर पूजन-अर्चन के बाद पालकी पर सवार कर यज्ञमंडप की परिक्रमा कराई गई।

इस दौरान पूरा मंदिर वेदमंत्रों से गूंजता रहा।पालकी यात्रा में मुख्य यजमान समेत सैकड़ों की संख्या में वैदिक आचार्य और परिसर में मौजूद भक्त शामिल रहे। इस दौरान रामलला पर जगह-जगह पुष्पवर्षा की गई। इसके बाद उन्हें पुन: शक्कर, फल, अनाज व पुष्प में रखकर अधिवास की प्रक्रिया पूरी की गई।
शाम को मंडप में सभी देवताओं का नित्य की तरह होम-हवन किया गया। भगवान राम के निमित्त 11 हजार मंत्रों का जप भी हुआ। वेद के द्वारपालों ने वेदों का पाठ किया।
ट्रस्ट की ओर से बताया गया कि विराजमान रामलला अभी अस्थायी मंदिर में ही हैं। शनिवार को हुए अनुष्ठान में मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्र के अलावा विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार भी यजमान के रूप में मौजूद रहे।
नए मंदिर का भी अभिषेक
पूजन के क्रम में ही रामलला के नए प्रासाद यानी महल का अधिवासन किया गया। जल से पूरे महल को स्नान कराया गया।
आचार्य अरुण दीक्षित ने बताया कि वास्तुशांति की प्रक्रिया में यह किया जाता है। महल के कोने-कोने में देवताओं का वास होता है। दरवाजे, स्तंभ, ड्योढ़ी, सीढ़ी, पत्थर सब में देवता होते हैं। इसलिए सभी को स्नान कराकर वास्तुशांति की प्रार्थना की गई।

सील हुई रामनगरी, बिना पास प्रवेश नहीं
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर रामनगरी का सुरक्षा घेरा सख्त किया गया है। शनिवार रात से ही जिले समेत अयोध्या धाम की सीमाएं सील कर दी गईं। बिना पास के किसी को भी अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। सुरक्षा एजेंसियों ने प्रधानमंत्री समेत अन्य अतिथियों के गुजरने वाले मार्ग पर बने मकानों का सत्यापन किया है। छतों पर भी कार्यक्रम के दौरान सशस्त्र जवान मुस्तैद रहेंगे।एसपीजी की सुरक्षा में कार्यक्रम स्थल
प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व एसपीजी का एक और दल अयोध्या पहुंच गया है। अधिकारियों के साथ बैठक करके उन्होंने कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा-व्यवस्था अपने कब्जे में ले ली है।
वीआईपी के ठहरने वाले स्थानों व होटलों पर भी सुरक्षा घेरा सख्त किया गया है।
यूपीएसएसएफ के पहरे में राम मंदिर
प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर राम मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एनएसजी से प्रशिक्षित उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) की महिला व पुरुष कमांडो को तैनात किया गया है। पूरे परिसर को अभेद्य बनाया गया है। बल के लगभग 1450 जवान राम जन्मभूमि की सुरक्षा में तैनात हैं।
