गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए पिछली बार 11 लाख 84 हजार 635 वोटों की गिनती हुई थी जिसमें रवि किशन को सात लाख 17 हजार 122 यानी 60.54 प्रतिशत वोट मिले। इस बार के चुनाव में 11 लाख 54 हजार 413 मतों की गिनती हुई। इसमें रवि किशन को पांच लाख 85 हजार 834 यानी 50.75 प्रतिशत ही वोट मिले जो पिछले बार की तुलना में 9.79 प्रतिशत कम है। गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार रवि किशन शुक्ला भले ही लगातार दूसरी बार जीत का परचम लहराने में सफल रहे, लेकिन इस बार आइएनडीआइ गठबंधन से सपा उम्मीदवार काजल निषाद ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। यद्यपि रवि किशन ने पहले राउंड से ही जो बढ़त बनाई वह आखिरी तक बरकरार रही। पर, जीत का अंतर काफी कम रहा। वर्ष 2019 के चुनाव में रवि किशन ने सपा-बसपा गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार रामभुआल निषाद को तीन लाख एक हजार 664 मतों से हराया था। इस बार काजल से जीत का अंतर सिमट कर एक लाख तीन हजार 432 रह गया। रवि किशन को पांच लाख 85 हजार 834 यानी 50.75 प्रतिशत ही वोट मिले जो पिछले बार की तुलना में 9.79 प्रतिशत कम है। वहीं काजल निषाद को चार लाख 82 हजार 308 मत मिले। सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई तो पोस्टल बैलेट की गिनती में ही रवि किशन ने बढ़त बना ली। आधे घंटे बाद ईवीएम की बारी आई तो भी पहले राउंड की गिनती में रवि किशन 7,771 मतों से बढ़त बना चुके थे। चौथे राउंड में यह बढ़त 17,493, आठवें राउंड में 23,418 और 12वें राउंड में बढ़कर 34,881 पहुंच गई। तब तक समर्थकों, पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं की धुकधुकी बनी हुई थी। दोपहर ढाई बजे तक करीब सात लाख मतों की गिनती में रवि किशन ने जैसे ही 50 हजार का अंतर पार किया सभी जीत को लेकर आश्वस्त हो गए। करीब 9.50 लाख मतों की गिनती के बाद अंतर का आंकड़ा 75 हजार पार कर गया। आखिरी 31 राउंड की गिनती तक कोई भी ऐसा चरण नहीं आया, जिसमें काजल निषाद बढ़त बना पाई हो, लेकिन टक्कर अच्छी होने की वजह से मतगणना के आधे से अधिक चक्रों के बाद भी रवि किशन के समर्थक जश्न मनाना नहीं शुरु कर सके थे। पहले से लेकर आखिरी चरण तक भले ही कमल खिलखिलाता रहा, लेकिन जीत का अंतर कम होना कहे या प्रदेश में भाजपा की घटी सीटें, रवि किशन का चेहरा दोपहर तक मुरझाया ही रहा। उधर, मतगणना स्थल पर मौजूद एजेंटों से लेकर बाहर खड़े समर्थक भी 17 राउंड की गिनती तक पसोपेश में ही पड़े रहे। सभी की धुकधुकी लगी रही लेकिन, जब अंतर का आंकड़ा 50 हजार को छू गया तो समर्थक धीरे-धीरे जश्न के मूड में आ गए। उधर रवि किशन के चेहरे पर भी तब तक मुस्कान फैलने लगी थी। धीरे-धीरे जश्न को माहौल बनने लगा। रवि किशन को समर्थकों ने फूल मालाओं से लाद दिया। जैसे ही आखिरी चरण की गिनती समाप्त हुई। विश्वविद्यालय परिसर में एजेंट तो बाहर जुटे समर्थकों ने अबीर और गुलाल की होली खेल जीत से मिली खुशी का इजहार करना शुरु कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही रवि किशन के जयघोष से आस-पास का वातावरण गूंज उठा। शहर की तमाम प्रमुख सड़कों, चौराहों पर पान की दुकान से लेकर सोशल मीडिया तक में बधाइयों का सिलसिला चल पड़ा जो देर रात तक जारी रहा।

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