हरिद्वार,

हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण धर्मनगरी में स्चच्छ व स्वस्थ प्राणवायु के विकास के लिए गंगानहर की पटरी पर पीपल तथा बरगद के पौधे लगाकर ऑक्सीजन लेन बनाने के साथ ही लुप्त होते जा रहे पीपल व वट वृक्षों के संरक्षण को भी प्रोत्साहन देगा।इसमें हरिद्वार की जनता का भी सहयोग लिया जाएगा तथा इसमें योगदान करनेवाले नगरवासियों को हरित यौद्धा के सम्मान से नवाजा जाएगा।
इस अभियान की कमान संभाल रहे हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के सचिव डा.ललित नारायण मिश्र इस मुहिम के साथ जनता को जोड़ने की कवायद में लगातार जुटे हैं और इसमें उन्हें जनसहयोग भी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन लेन बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने शहर को हरा-भरा करने और ऑक्सीजन ज्यादा देने वाले पीपल तथा बरगद के पेड़ अधिक से अधिक संख्या में लगाने की अपील लोगों से की है।
डॉ. ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि प्राधिकरण की ओर से लोगों को पौधारोपण अभियान से जोड़ने की कवायद के तहत एक नई योजना शुरू की गई है।

dr.lalit narayan mishra will gave the trofhy which person save the enviorment and give the oxygen plant

जिसके तहत ऐसे व्यक्ति जो पीपल अथवा बरगद के कम से कम 10 पौधे जो दो फीट ऊंचाई के हों, हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को उपलब्ध कराएंगे ऐसे लोगों को आगामी स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले कार्यक्रम में ग्रीन वारियर्स यानि हरियाली योद्धा के रूप में सम्मानित किया जाएगा।उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि किसी के भी घर के आसपास छतों पर अथवा दीवारों पर यदि कहीं पीपल अथवा बरगद के पौधे उग आए हों तो उन्हें नष्ट न करें बल्कि सुरक्षित उखाड़कर हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के कार्यालय में उपलब्ध कराएं और हरिद्वार को सुंदर व हराभरा बनाने में प्राधिकरण का सहयोग करें। मिश्रा ने बताया कि गंगानहर पटरी पर ढाई सौ मीटर लंबी आक्सीजन लेेेन बनाने का कार्य प्रगति पर है। इसमें विभिन्न सामाजिक , पर्यावरणीय संंस्थाओं का सहयोग भी इसमें मिल रहा है। मानसून आरंभ होते ही इस योजना को ओर गति दी जाएगी।उन्होंने कहा कि भविष्य में आक्सीजन लेन योजना शहर के सौंदर्यीकरण व नगरवासियों को स्वच्छ आक्सीजन उपलब्ध कराने में मील का पत्थर साबित होगी। यह वृक्ष प्रचुर आक्सीजन का स्रोत हैं और केवल पक्षियों द्वारा ही इसके बीजों का प्रसार होता है। लोगों के घरों,छतों पर यदि ऐसे पौधे हों तो वह हमें उपलब्ध कराएं।

 

हरिद्वार विकास प्राधिकरण जहां आक्सीजन लेन बना रहा है इस स्थान को हराभरा रखने की कोशिशें 2004 कुंभ में भी हुई थी। तब इस स्थान पर स्मृति वन बनाया गया था।जिसके लिए आने वाले श्रद्धालुओं को यहां अपने पित्रों की स्मृति में वृक्ष लगाने व उन्हें गोद लेने के लिए कहा गया था।2008 तक स्मृति वन फलता-फूलता रहा। लेकिन 2008 में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण आने से स्मृति वन धराशायी हो गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *